जांजगीर-चाम्पा। जैजैपुर सीईओ को हटाने बीते पांच दिनों से बैठे सचिओं का आंदोलन और तेज हो गया है। जैजैपुर सचिव संघ के प्रदेशाध्यक्ष तुलसी साहू और भूपेंद्र गहलोत ने भी जैजैपुर आकर समर्थन किया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार को चेतावनी देते हुए जनपद सीईओ को हटाने एक सप्ताह का समय दिया हैं।
गौरतलब हैं कि जनपद पंचायत सीईओ के उपर कई प्रकार के आरोप लगाते हुए जनपद पंचायत के बाहर ही 29 जुलाई से धरना में बैठ गये हैं। जिसके चलते पंचायत के कई काम और लटक गये हैं इसके साथ ही शासन के प्रमुख योजनाओं पर भी ग्रहण लग गया हैं। इसके बाद भी सचिओं के आंदोलन पर न तो जिला प्रशासन और नहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहें हैं। जबकि सचिवों के हड़ताल से आम जनता के साथ ही शासन के योजनाओं का भी क्रियान्वयन रूक गया हैं। सचिव संघ के धरना में जनपद पंचायतों में पदस्थ सचिव उपस्थित रहें जिसमें प्रमुख रूप से फ ागुराम मनहरण, सीताराम कर्ष, लखन बंजारे, तुलसी चंद्रा, कमला चंद्रा, लीलाधर चंद्रा, मौजूद रहें। सचिव संघ ने सीईओ के ऊपर आरोप लगाते हुए बताया कि सीईओ सहीं समय पर वेतन नहीं देते हैं। हद हो जाती हैं जब सेवा पुस्तिका में वेतन होने के बाद भी हस्ताक्षर नहीं करते हैं।
सचिवों को शारीरिक, मांसिक रूप से, प्रताडि़त करते हुए ट्रांसफ र करने की भी धमकी देतें हैं। इसके बावजूद भी हम अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटते बावजूद सीईओ की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं। वेतन नहीं मिलने से कभी कभी तो हमारे सामने परिवार पालने का भी संकट उत्पन्न हो जाता हैं। बीते पांच दिनों से धरने पर बैठे आक्रोशित पंचायत सचिव ने बताय एक पंचायत सचिव के ऊपर कितनी जिम्मेदारी रहती हैं। उसे एक सचिव ही समझ सकता हैं, क्योंकि सचिवों के उपर सरकार के 29 विभाग के दो सौ से अधिक कार्यों को करने की जिम्मेदारी रहती हैं। महत्वपर्ण योजनाओं को धरातल पर संचालन करने की जिम्मेदारी रहती हैं। कोविड 19 के प्रति लोगों को जागरूक करने जवाबदेही को भी बखूबी निभा रहे हैं।
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