भिलाई,01 मार्च 2025 (वेदांत समाचार)। कल्याण महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में कॉलेज प्रबंधन की एक छोटी सी चूक के कारण भाजयुमो और एनएसयूआई के छात्र नेता नाराज हो गए। इस आक्रोश के चलते कॉलेज परिसर में तोड़फोड़ की गई और कुर्सियां फेंकी गईं। पुलिस मौके पर मौजूद रही, लेकिन मूकदर्शक बनी रही। मामला तब शांत हुआ जब प्राचार्य ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में प्रदेश के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी और सांसद विजय बघेल भी शामिल हुए।
मामले की शुरुआत
कल्याण महाविद्यालय में आयोजित वार्षिक स्नेह सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा को आमंत्रित किया गया था। वह निर्धारित समय पर चरोदा तक पहुंच भी गए थे, लेकिन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विनय शर्मा ने उनसे अनुरोध किया कि छात्र संख्या कम होने के कारण वे थोड़ी देर बाद आएं। इस पर विजय शर्मा वापस राजधानी लौट गए।
इस घटना से भाजयुमो नेता नितेश मिश्रा, सौरभ जायसवाल और उनके समर्थक नाराज हो गए। उनका आरोप था कि प्राचार्य की इस गलती के कारण डिप्टी सीएम को लौटना पड़ा, जो अपमानजनक है। नाराज कार्यकर्ताओं ने आयोजन स्थल पर कुर्सियां तोड़ी और फेंकी।
एनएसयूआई ने भी जताई नाराजगी
एनएसयूआई नेता अतुल श्रीवास्तव और उनके समर्थकों ने भी कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि कांग्रेस से जुड़े नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया। उनका कहना था कि विधायक देवेंद्र यादव, महापौर नीरज पाल और पूर्व छात्र नेता लक्ष्मीपति राजू को आमंत्रण पत्र में स्थान नहीं दिया गया, जबकि बीजेपी नेताओं को प्राथमिकता दी गई।
वार्षिकोत्सव के बीच हंगामा, प्राचार्य ने मांगी माफी
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी का संबोधन
अपने संबोधन में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि वे खुद इस कॉलेज के छात्र रहे हैं और इसका उनके जीवन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए 50 लाख रुपये सांसद निधि से और 50 लाख रुपये अन्य स्रोतों से दिलाने का आश्वासन दिया।
पुलिस कार्रवाई पर सवाल
कार्यक्रम के दौरान हंगामे और तोड़फोड़ के बावजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पुलिस ने स्पष्ट कहा कि जब तक प्राचार्य लिखित शिकायत नहीं देंगे, वे कार्रवाई नहीं कर सकते। वहीं, एनएसयूआई नेता आकाश कन्नौजिया को पुलिस ने सुबह ही हिरासत में ले लिया, जिससे एनएसयूआई और युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखी गई। विधायक देवेंद्र यादव ने इस घटना को निंदनीय बताया और कहा कि बीजेपी शासनकाल में युवाओं की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
अंततः प्राचार्य ने पूरे घटनाक्रम पर खेद जताया और किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से इनकार किया। उन्होंने कहा कि सभी छात्र उनके अपने हैं और परिवार में ऐसी खटपट होती रहती है। इसके बाद वार्षिकोत्सव सम्मानजनक तरीके से संपन्न हुआ और छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरित किए गए।