रायपुर। मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा में बृहस्पति सिंह पर हमले का मुद्दा गूंजा। भाजपा विधायकों ने जोर-शोर से मुद्दा उठाते हुए मामले को दुर्भाग्यजनक बताते हुए सदन की समिति से जांच कराने की मांग की।
सदन में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये दुर्भाग्यजनक है। देश के इतिहास में ऐसी घटना नहीं हुई, एक विधायक मंत्री पर आरोप लगा रहा है कि मंत्री मेरी हत्या करा सकते हैं। इससे गम्भीर मुद्दा सदन में कुछ दूसरा हो ही नहीं सकता। वहीं अजय चंद्राकर ने कहा कि ये मुद्दा बेहद गम्भीर है। विधायक ही सुरक्षित नहीं है। नारायण चंदेल ने कहा कि सदन शुरू होने के ठीक पहले विधायक पर हुआ हमला विधायिका पर हुए हमले की तरह है। पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कँवर ने कहा कि आसंदी विधायकों को संरक्षण देती है, ऐसे में इस मामले में जांच की घोषणा की जानी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हमारी जानकारी में ये पहली घटना है। ये सिर्फ़ कांग्रेस के लिए बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्यजनक है। यदि ऐसी घटना में सूक्ष्म जांच नहीं की जाती और किसी विधायकों के साथ अप्रिय घटना घटेगी तो ये आसंदी की ज़िम्मेदारी होगी। हम सभी की मांग है कि सदन की कमेटी से इसकी जाँच की जाए।
ढाई साल में कांग्रेस के कितने चेहरे देखने को मिल रहे हैं- रमन सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने अपने ही पार्टी के मंत्री से जान का खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि ढाई साल में कांग्रेस के कितने चेहरे देखने को मिल रहे हैं। कांग्रेस पार्टी अपने ही नेताओ को संभाल नही पा रही है। पार्टी में कितना बड़ा विभाजन है यह सभी को साफ दिख रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा 15 साल तक सरकार में रही है लेकिन आज तक ऐसा नही हुआ।
[metaslider id="347522"]