बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ों को बचाने के लिए अनोखी तरकीब निकली है| जिले में तरौद दैहान प्रोजक्ट के तहत 8 किमी की सड़क बनाने के लिए 2 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाने हैं। ऐसे में क्षेत्र के लोग ‘हमने ठाना है, पर्यावरण बचाना है’ के स्लोगन के साथ पेड़ों के काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। पेड़ों पर भगवान शिव की फोटो चिपकाई जा रही हैं। इससे पहले लोगों ने विरोध में ‘चिपको आंदोलन’ भी शुरू किया था।
दरअसल तरौद दैहान बाईपास बनाने के लिए सरकार 2 हज़ार पेड़ काटने वाली है| इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं| प्रोजेक्ट के तहत यह कंक्रीट सड़क 8 किलोमीटर लम्बी और 10 मीटर चौड़े होगी।
सड़क के दोनों ओर की जमीन वन विभाग की है| काम पूरा होने के बाद सड़क को एनएच-930 से जोड़ा जाएगा। शिव भगवान की फोटो चिपकाने में शामिल एक ग्रामीण ने कहा कि आज हमने दैहान से लेकर तरौद तक सात किलोमीटर तक जो पेड़ कटने वाले हैं, उसमे भगवान शंकर की फोटो चिपकाई है| प्रकृति को बचाना जरूरी है। पेड़ों से हमें प्राणवायु मिलती है| इससे पर्यावरण और हम बचेंगे।
शासन के अनुसार प्रोजेक्ट के लिए 2,900 पेड़ काटे जाने हैं| जबकि ग्रामीण इस आंकड़े को गलत बता रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार कुल 20 हज़ार से ज्यादा पौधे हैं जिन्हें काटा जाएगा| सरकार द्वारा छोटे पौधों की गिनती ही नहीं की गई है|
अभी बारिश नही हो रही हैं, कहीं बरसात ज्यादा हो रही हैं तो कहीं कम हो रही है| जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग जैसी चीज़े पौधा रोपित करने पर निर्भर करती हैं|इसलिए ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपित किए जाने चाहिए।
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