प्रचार-प्रसार कर पात्र हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिए सहयोग करें – कलेक्टर

0 जिला स्तरीय परामर्शदात्री, पुनर्विक्षा समिति की बैठक में दिए गए निर्देश, आजिविका संवर्धन और स्वरोजगार के लिए 2,550 प्रकरणों में किए गए ऋण स्वीकृत।

जांजगीर-चांपा ,16 जुलाई, 2021/ कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने गुरूवार को जिला स्तरीय परामर्शदात्री, पुनर्विक्षा समिति की बैठक में बैंक अधिकारियों से कहा कि वे शासकीय योजनाओं के तहत विभागों के माध्यम से प्रेषित प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ समय-सीमा में निराकृत करें और बेरोज़गारों को स्वरोजगार स्थापित करने प्रेरित करें।
कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर कलेक्टर ने कहा कि वे प्रेषित प्रकरणों की सतत मानिटरिंग कर प्रगति की समीक्षा करते रहें। इसके लिए वे संबंधित बैंक से समन्वय स्थापित कर कार्य करें। शासन द्वारा दिये गये लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रचार-प्रसार कर हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करें।


बैठक में बताया गया कि वर्ष 2020-21 में आजिविका संवर्धन और स्वरोजगार के लिए जिले में विभिन्न विभागीय योजनाओं के तहत प्रेषित 2,550 प्रकरणों में ऋण स्वीकृत प्रदान की गई है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 के लक्ष्य के अनुसार पात्र हितग्राहियो को ऋण स्वीकृत किया जा रहा है।
लीड बैंक अधिकारी ने बैठक में बताया कि जिला व्यपार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से वर्ष 2020-21 में प्रधामंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 68 और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 28 बैंक ऋण के प्रकरण स्वीकृत किये गये है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 के लिए प्रधामंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 65 और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 89 प्रकरणो का लक्ष्य दिया गया है।


खादी ग्रामोद्योग योजना के तहत वर्ष 2020-21 में प्रधामंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 126 और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 46 प्रकरणो में स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 के लिए प्रधामंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 51 प्रकरणों में 1 करोड़ 74 लाख रुपये और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के 38 प्रकरणों में 44 लाख रुपए ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया है।
अंत्यावसायी एवं आदिवासी स्वरोजगार योजना के तहत अंत्योदय स्वरोजगार योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 723 प्रकरणों में स्वीकृति दी गई है। 2021-22 के 729 प्रकरणों का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार आदिवासी स्वरोजगार योजना में वर्ष 2020-21 में 82 प्रकरण स्वीकृत किये गये है । वर्ष 2021-22 के लिए 48 प्रकरणों का लक्ष्य इस योजना में रखा गया है।


पशु चिकित्सा सेवाओं के माध्यम से प्रेषित 10 प्रकरणों में विभिन्न बैंको द्वारा वर्ष 2020-21 में 8 लाख 75 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है। मत्स्य विभाग की योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 37 प्रकरणों में मछली पालन एवं मछली व्यवसाय से संबंधित ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के तहत वर्ष 2020-21 में 1430 महिला स्व-सहायता समूहों को उनके आजिविका संवर्धन हेतु योजना अनुसार कुल 13 करोड़ 22 लाख रुपये का ऋण वितरण किया गया है। वर्ष 2021-22 के लिए 1268 महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 13 करोड़ 47 लाख रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया है।

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