सबसे बुजुर्ग टेस्ट क्रिकेटर का 98 साल की उम्र में निधन, करियर में बनाए थे सिर्फ 25 रन, अब इस दिग्गज के नाम हुआ ये रिकॉर्ड

नई दिल्ली,01मार्च 2025 : दुनिया के सबसे बुजुर्ग टेस्ट क्रिकेटर और साउथ अफ्रीका के दिग्गज रॉन ड्रेपर का निधन हो गया है. 28 फरवरी को उन्होंने 98 साल और 63 दिन की उम्र में अंतिम सांस ली है. उनके मौत की जानकारी परिवार ने दी. ड्रेपर एक टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज थे.

दुनिया के सबसे बुजुर्ग टेस्ट क्रिकेटर और साउथ अफ्रीका के दिग्गज रॉन ड्रेपर का निधन हो गया है. 28 फरवरी को उन्होंने 98 साल और 63 दिन की उम्र में अंतिम सांस ली है. उनके मौत की जानकारी परिवार ने दी. ड्रेपर एक टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज थे. साथ ही विकेटकीपिंग भी करते थे. उन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर में महज 2 टेस्ट मैच खेले थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले इन 2 मुकाबलों में वो सिर्फ 25 रन बना सके थे. बता दें ड्रेपर अब तक सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर थे. इससे पहले दोनों सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर भी साउथ अफ्रीका के ही थे. नॉर्मन गॉर्डन, जिनकी मौत 2016 में 103 वर्ष और जॉन वॉटकिंस का 2021 में 98 वर्ष की उम्र में हुई थी. लेकिन अब ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नील हार्वे के नाम हो गया है. फिलहाल हार्वे की उम्र 96 साल और 144 दिन है.

19 की उम्र में फर्स्ट क्लास डेब्यू
रॉन ड्रेपर ने भले ही सिर्फ 2 टेस्ट मैच खेले थे लेकिन साउथ अफ्रीका क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. 24 दिसंबर 1926 को जन्मे ड्रेपर ने अपने 19 साल की उम्र में ही फर्स्ट क्लास डेब्यू कर लिया था. उन्होंने अपना ऑरेंज फ्री स्टेट के खिलाफ ईस्टर्न प्रोविंस के लिए अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच खेला था. वहीं 1950 के दशक में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था.

ड्रेपर ने 1960 के दशक तक फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते रहे. इस दौरान उन्होंने 41.64 की औसत से 3290 रन बनाए थे, जिसमें 11 शतक और 11 अर्धशतक शामिल रहे. उनके नाम 32 कैच और 10 स्टम्पिंग भी शामिल है. बता दें ड्रेपर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में लंच से पहले चार बार शतक लगाए थे और करी कप मैच में 2 शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी थे.

ड्रेपर vs हार्वे
फर्स्ट क्लास में डेब्यू करते हुए ड्रेपर ने शतक बनाए थे. इसके बाद 1949-50 में दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ उन्होंने अपनी घरेलू टीम की ईस्टर्न प्रोविंस की ओर से 86 रन ठोके थे. इसके बाद उन्हें कंगारू टीम के खिलाफ आखिरी 2 टेस्ट के लिए चुना गया था. इस दौरान उन्होंने 3 पारियों में बैटिंग करने का मौका मिला लेकिन वो सिर्फ 25 रन ही बना सके. इसके बाद उन्हें कभी इंटरनेशनल मैच में खेलने का मौका नहीं मिला.

वहीं उनकी मौत के बाद सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर बने नील हार्वे का करियर शानदार रहा. वो इस सीरीज में महज 21 वर्ष के थे और साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी दोनों ही टेस्ट मैचों में शतक बनाए थे. हार्वे ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 79 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें 48 की औसत से 6149 रन बनाए थे. इस दौरान उन्होंने 24 अर्धशतक और 21 शतक जड़े थे.