नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन और औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप होने का असर नौसेना के लिए तैयार किये जा रहे विध्वंसक जहाजों के निर्माण पर भी पड़ा है। मार्च में मिलने वाला विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम अब आठ माह की देरी से नौसेना को अक्टूबर तक मिल पायेगा। विशाखापत्तनम उन चार गाइडेड मिसाइल विध्वंसकों में से पहला है जिसका फिलहाल समुद्री परीक्षण चल रहा है। इसी वर्ग के तीन अन्य विध्वंसक जहाजों का भी निर्माण चल रहा है जो अगले दो-तीन वर्षों में नौसेना को मिलेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अधीन सरकारी कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएसएल) प्रोजेक्ट 15-बी के तहत 29,340 करोड़ की लागत से बनने वाले चार जहाजों में से पहले गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम का निर्माण कर रही है। इसके अलावा इसी श्रेणी के तीन अन्य गाइडेड मिसाइल विध्वंसकों आईएनएस विशाखापत्तनम, आईएनएस मोरमुगाओ, आईएनएस इम्फाल, आईएनएस पोरबंदर का निर्माण किया जा रहा है। विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम मार्च, 2021 तक नौसेना को सौंपा जाना था। इन चार महीने के दौरान कोरोना संकट के चलते महाराष्ट्र में लॉकडाउन की वजह से जहाजों के निर्माण पर भी असर पड़ा है। महाराष्ट्र सरकार ने मई में पूरे एक महीने के लॉकडाउन के बाद कोरोना मामलों के केस कम होने पर जून के पहले सप्ताह में अपने लॉकडाउन प्रतिबंध में ढील दी। अब अगले चार महीनों में शिपयार्ड को पूरी तरह से खोलकर तेजी के साथ जहाज निर्माण का कार्य बढ़ाया जायेगा।
एमडीएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नारायण प्रसाद ने कहा कि एमडीएसएल को परिचालन में तेजी लाकर खोए हुए समय की भरपाई की उम्मीद है। उन्होंने माना कि इस लॉकडाउन से बने अनिश्चितता के माहौल और औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्ति के ठप होने के कारण जहाजों के निर्माण पर असर पड़ने से आपूर्ति में देरी हुई है। अब बड़े पैमाने पर फिर से कार्य शुरू होने पर मझगांव डॉक लिमिटेड अगले 3-4 महीनों में आईएनएस विशाखापत्तनम नौसेना को सौंप देगा। इसी श्रेणी के 3 अन्य विध्वंसक विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इनके डिलीवरी शेड्यूल को भी संशोधित करना पड़ा है।
आईएनएस विशाखापत्तनम भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का प्रमुख जहाज है। विशाखापत्तनम के निर्माण की शुरुआत 12 अक्टूबर, 2013 को की गई थी और इसे 20 अप्रैल 2015 को मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में लॉन्च किया गया था। बराक-8 मिसाइल से लैस आईएनएस विशाखापत्तनम के एयर कंडीशनिंग रूम में 21 जून, 2019 को आग लगने से एक ठेका कर्मचारी की मौत हो गई थी लेकिन जहाज को नुकसान नहीं पहुंचा था। भारतीय नौसेना प्रमुख के मुताबिक़ 2020 से विध्वंसक विशाखापत्तनम का समुद्री परीक्षण भी शुरू कर दिया गया है।
आईएनएस मोरमुगाओ भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज है। मोरमुगाओ के निर्माण की शुरुआत 04 जून, 2015 को को हुई थी। इसे 17 सितम्बर, 2016 को लॉन्च किया गया है। यह जहाज 2022 तक चालू होने की उम्मीद है। इस जहाज का नाम गोवा में मोरमुगाओ बंदरगाह के नाम पर रखा गया है।
आईएनएस इम्फाल भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का तीसरा जहाज है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इंफाल की लड़ाई में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों की पहचान को जिन्दा रखने के लिए जहाज का नाम आईएनएस इम्फाल रखा गया है। इसके निर्माण की शुरुआत 19 मई, 2017 को की गई थी
और इसे 20 अप्रैल 2019 को मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में लॉन्च किया गया था। जहाज के 2023 तक चालू होने की उम्मीद है। यह पूर्वोत्तर भारत के एक शहर के नाम पर भारतीय नौसेना का पहला जहाज है।
आईएनएस पोरबंदर विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक का चौथा और आखिरी जहाज है। इसके निर्माण की शुरुआत 2018 में की गई थी। जहाज के 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। प्रोजेक्ट 15बी के तहत यह आखिरी जहाज 2025 में नौसेना में शामिल होगा। जहाज का नाम महात्मा गांधी के जन्म स्थान और गुजरात के बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है।
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