21वीं पशुधन संगणना के तहत किया जा रहा है सर्वे
कोरबा ,14दिसंबर 2024 (वेदांत समाचार)। देश में 21वीं पशुधन संगणना का काम शुरू हो गया है। जिले में भी माह अक्टूबर से इसकी शुरूआत हो गई है। पशु संगणना देश में हर पांच साल में की जाती है। यह पशुपालन क्षेत्र में नीति निर्माण और विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए जरूरी होता है। इससे देशभर के पालतू पशुओं और पक्षियों के बारे में विस्तृत आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। फिर इसी आधार पर सरकार आने की योजनाएं बनाती है और बजट तैयार किया जाता है।
28 फरवरी तक सर्वे का काम पूरा करना है। जिले में सुपर वाइजरों और प्रगणकों की टीम बनाई गई है जो घर-घर जाकर पशुपालकों और उनके पास कौन-कौन से पालतू पशुधन हैं, इसकी जानकारी जुटाएंगे। पहली बार सर्वे ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन मोड में भी हो रही है। प्रगणक मोबाइल एप में डाटा फीड कर रहे हैं। सर्वे में आवारा व पालतू दोनों पशुधनों का अलग-अलग रिकार्ड दर्ज किया जाएगा। किस गांव में कितने गाय, बैल, भैस, बकरी, सूअर, आवारा मवेशी और श्वान है, इसका अलग-अलग रिकार्ड तैयार किया जाएगा। इसके अलावा इस बार चरवाहा समूह भी अलग से तैयार किया जाएगा। इनमें उन पशुधन का रिकार्ड अलग से बनेगा जो जिले में बाहर से पशु-पक्षी लेकर आते हैं.
जैसे ईट भट्टों में काम के लिए एमपीके लोग खच्चर लेकर जिले में आते हैं। इसी तरह ऊंट, भेड़, हाथी बाहर से लेकर आने वाले पशुधनों की गणना भी इस बार होगी। इससे पहले तक इनकी गणना नहीं की जाती थी। इसके लिए सभी सुपरवाइजर और प्रगणकों को ट्रेनिंग दी गई थी। जिले में कुल 16 प्रजाति के पशु-पक्षियों की गणना हो रही है। इसमें पहली बार ऐमू पक्षी को भी शामिल किया गया है। कुल 16 प्रजातियों में गाय, भैंस, बकरी, सुअर, ऊंट, घोड़ा, खच्चर, गधा, श्वान, खरगोश, याक, हाथी, बतख, टर्की, बटेर, गिनी फाउल, शूतुरमुर्ग और एमु जैसे पोल्ट्री पक्षियों की गिनती भी घर-घरेलू, उद्यमों, गैर घरेलू संस्था से होगी। सिर्फ तोता और मैना को संगणना में शामिल नहीं किया गया है।