कोरबा,14 दिसंबर (वेदांत समाचार): भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने और नागरिकों को उनकी प्रकृति के अनुसार स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान करने का एक अभिनव प्रयास किया गया।
इसी कड़ी में आमजन को उनकी अद्वितीय आयुर्वेदिक प्रकृति को समझने के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से शासकीय मुकुटधर पांडेय महाविद्यालय कटघोरा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, यूथ रेड क्रॉस सोसायटी, रेड रिबन क्लब, राष्ट्रीय कैडेट कोर के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय परिसर में जिला आयुष चिकित्सा अधिकारियों द्वारा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों, शैक्षिकेत्तर कर्मचारियों तथा महाविद्यालय में विभिन्न स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों का प्रकृति परीक्षण किया गया।
कुल 243 छात्र-छात्राओं का परीक्षण किया गया। संस्था के प्राचार्य डॉ. मदन मोहन जोशी के संरक्षण तथा मार्गदर्शन तथा महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिवदयाल पटेल एवं प्रतिमा कंवर के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के प्रकृति परीक्षण एप्लिकेशन में पंजीकरण के पश्चात सभी की प्रश्नोत्तरी के माध्यम से वात, पित्त अथवा कफ की प्रकृति की पहचान की गई। तत्पश्चात चिकित्सा अधिकारियों द्वारा व्यक्ति को उसकी प्रकृति के अनुसार खान पान, व्यायाम आदि की जानकारी दी गई।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ उदय शर्मा ने कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए कहा कि प्रकृति का स्वास्थ्य रक्षण में बहुत महत्व होता है। प्रकृति की जानकारी से हम सब खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिनचर्या, ऋतुचर्या के अनुरूप अपने नित्य कार्यों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर स्वस्थ रह सकते हैं।
कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेहा मिंज स्पेशलाइज्ड थेरेपी सेंटर, डॉ श्वेता एक्का हेल्थ वेलनेश सेंटर कटघोरा, डॉ सीमा पाटले हेल्थ वेलनेश सेंटर बोइदा, डॉ पुष्पलता भगत हेल्थ वेलनेश सेंटर छुरी, डॉ शरद हेल्थ वेलनेश सेंटर सुखरीकला उपस्थित रहे।