रायपुर , 29 नवंबर 2024 (वेदांत समाचार )।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 28 से 31 दिसंबर 2024 तक 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है। इस प्रतियोगिता में देशभर के 40 से अधिक राज्यों से 1000 से अधिक वनवासी खिलाड़ी भाग लेंगे, जो इसे एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण आयोजन बना देंगे। प्रतिभागियों का पंजीकरण 27 दिसंबर से शुरू होगा, और वे तीरंदाजी एवं फुटबॉल जैसे खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे। यह प्रतिष्ठित आयोजन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के सहयोग से छत्तीसगढ़ राज्य के वनवासी विकास समिति द्वारा आयोजित किया जा रहा है। आयोजन समिति की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री केदारनाथ कश्यप करेंगे, जबकि सचिव के रूप में अमर बंसल कार्य करेंगे। इस समिति में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, व्यापार और अन्य कई क्षेत्रों के प्रमुख लोग शामिल हैं, जो इस आयोजन को सफल बनाने के लिए समर्पित हैं।
प्रतिभागियों की विविधता और आयोजन स्थल-
इस प्रतियोगिता का विशेष आकर्षण यह है कि इसमें देश के दूरदराज़ के वनवासी क्षेत्र के खिलाड़ी भी शामिल होंगे, जिनमें से कई पहली बार ट्रेन द्वारा यात्रा करेंगे। प्रतिभागी उत्तर-पूर्वी राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह जैसे क्षेत्रों से आ रहे हैं। इसके अलावा, नेपाल से भी जनजातीय खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए रायपुर आ रहे हैं। यह प्रतियोगिता रायपुर के विभिन्न मैदानों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें साइंस कॉलेज का मैदान, रविवि के खेल विभाग का मैदान और कोटा स्थित स्वामी विवेकानंद स्टेडियम शामिल हैं। प्रतियोगिता का उद्घाटन 28 दिसंबर को होगा और समापन समारोह 31 दिसंबर को साइंस कॉलेज मैदान पर आयोजित होगा।
खास कार्यक्रम और उद्घाटन समारोह-
प्रतियोगिता के उद्घाटन से पहले 28 दिसंबर को जयस्तंभ चौक से साइंस कॉलेज तक एक भव्य खेल ज्योति रैली निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों प्रतिभागी शामिल होंगे। 29 दिसंबर को एनआईटी मैदान पर विभिन्न राज्यों के जनजातीय खिलाड़ियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा, जहां वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर प्रस्तुत करेंगे। साथ ही, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए मातृ हस्त भोजन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रायपुर शहर के 500 से अधिक परिवारों द्वारा पारंपरिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
विशेष अतिथि और निमंत्रण-
आयोजकों ने केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित राज्य मंत्रियों, और अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल एवं तीरंदाजी खिलाड़ियों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया है।
ऐतिहासिक धरोहर-
राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का आरंभ 1988 में मुंबई से हुआ था, जिसका उद्देश्य देशभर के वनवासी समुदायों को एक मंच प्रदान करना था। वर्षों से यह प्रतियोगिता एक प्रमुख राष्ट्रीय आयोजन बन चुकी है, और इसने लिम्बाराम कविता राउत, मनीष डामोर जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को देश को दिए हैं। यह प्रतियोगिता वनवासी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आयोजकों का वक्तव्य-
आयोजन समिति के अध्यक्ष केदारनाथ कश्यप ने कहा, “यह प्रतियोगिता हमारे वनवासी समुदायों के लिए गर्व का पल है और पूरे देश के सामने उनकी क्षमताओं को दिखाने का एक बेहतरीन अवसर है।” वनवासी विकास समिति के सचिव अनुराग जैन और स्वागत समिति के सचिव अमर बंसल ने भी इस आयोजन की सफलता के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है और सभी प्रतिभागियों की भलाई सुनिश्चित करने का वादा किया है। इसकी समृद्ध परंपरा और निरंतर सफलता के साथ, राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता नए मील के पत्थर स्थापित करने के लिए तैयार है, जो भारत और विदेशों से आए खिलाड़ियों को एक साथ लाएगी और वनवासी कल्याण और खेलों के विकास को आगे बढ़ाएगी।
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