खंडवा। खंडवा में तिहरे हत्याकांड की बरसी पर निकाले गए मशाल मार्च में रात 11 बजे के करीब भगदड़ मचने से स्थिति बेकाबू हो गई। यह स्थिति मशालों में डाला गया डीजल युक्त लकड़ी का बुरादा धक्का मुक्की व हवा में उड़ने से बनी।
मशाल मार्च में शामिल लोगों के कपड़ों पर गुल गिरने से आपाधापी भी मच गई। लोगों द्वारा मुंबई बाजार व घण्टाघर क्षेत्र में मशाल को फेंकने से सड़क पर भी आग की ऊंची लपटें उठने लगी, गनीमत रही कि आग को तत्काल काबू कर लिया गया अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय सहित अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। बाद में उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलो का भी जायजा लिया।
यह था पूरा घटनाक्रम
- गुरुवार रात आठ बजे बड़ाबम क्षेत्र में राष्ट्रभक्त युवा वीर संगठन द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि और आतंकवाद के खिलाफ कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
- सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता नाजिया खान और कर्नाटक के विधायक टी राजा ने संबोधित किया था। इस मंची आयोजन के बाद बड़ाबम क्षेत्र से मशाल मार्च निकाला गया।
- इसमें सैकड़ों की संख्या में युवा और मातृशक्ति शामिल थी।
- मार्च में शामिल अधिवक्ता इलाही और उनके साथ मौजूद महिलाओं पर भी मशाल के गुल उड़ने से उन्हें बीच में ही जुलूस से अलग कर एक घर मे रोक दिया गया था। वे भी बुरी तरह घबरा गई थी।
- मशाल मार्च में शामिल तिहरे हत्याकांड के शहीद सीताराम यादव और बैंक कर्मी रवि शंकर पारे की पत्नी भी मामूली झुलस गई।
- अस्पताल में 20 से अधिक लोगों को झुलसने से भर्ती किया गया है। सभी की स्थिति सामान्य है।
हिंदूओं के खिलाफ दो प्रकार के जेहाद चलाए जा रहे हैं। इनमें छोटा जेहाद और बड़ा जेहाद शामिल है। शोभायात्राओं पर पत्थर, थूक जेहाद,हिंदू लड़कियों के खिलाफ जेहाद,मंदिरों पर आक्रमण यह सब छोटा जेहाद है। बडा जेहाद क्या है, 77 साल में हिंदूओं ने खोद कर निकालने की कोशिश नहीं की।
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