छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वंदेभारत एक्सप्रेस में तैनात जवानों की ड्यूटी को आम दिनों की तुलना में बढ़ाकर 18 घंटे के लिए कर दिया. ये जवान दुर्ग-विशाखापत्तनम की सुरक्षा में लगाए गए थे. बाद में जवानों की ड्यूटी के 18 घंटे लंबे आदेश को रद्द किया गया. दरअसल, 14 सितंबर को आरपीएफ के एक अधिकारी की तरफ से विवादित आदेश जारी किया गया. इसके बाद वंदेभारत में तैनात सुरक्षा बलों ने 18 घंटें की ड्यूटी शुरू कर दी. बाद में सोशल मीडिया पर आदेश के वायरल होने से हर किसी ने 18 घंटे की ड्यूटी का विरोध किया, जिसके बाद इस आदेश को रद्द कर दिया गया. 18 घंटे की ड्यूटी के कारण जवानों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही थीं.
20 सितंबर से 18 घंटे की ड्यूटी
आदेश के बाद से जिन जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी, वो दुर्ग से महासमुंद तक वंदेभारत ट्रेन को लेकर जाते. यहां इनकी ड्यूटी खतम नहीं होती इसके बाद वे ट्रेनों में स्कार्टिंग करने के लिए भी जाते. स्कार्टिंग के बाद वे महासमुंद से वंदेभारत ट्रेन को वापस लेकर लौटते थे. ऐसे में तैनात सुरक्षाबल 18 घंटे की ड्यूटी 20 सितंबर से पूरा कर रहे थे. जब इस आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी तो इसे तुरंत ही रद्द कर दिया गया.
आदेश में किया गया बदलाव
18 घंटे की ड्यूटी के आदेश में तुरंत ही बदलाव किया गया. नए बदलाव के मुताबिक, स्कार्टिंग के लिए नए जवानों की टीम बनाई गई. वंदेभारत की सुरक्षा के लिए आरपीएफ ने दुर्ग आरपीएफ की तैनाती की है. तैनात किए गए अफसर दुर्ग से छूटने वाली ट्रेन को मंदिरहसौद तक स्कार्ट करके ले जाते हैं. इसके बाद इसे अगले दिन वापस लेकर जाते हैं.
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