दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर जिले में आयोजित समारोह में “प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत लाभार्थियों को नये आवासों के स्वीकृति पत्रों का वितरण किया गया और लगभग 8,000 लाभार्थियों को 32 करोड़ की पहली किश्त का डिजिटल ट्रान्सफर सीधा लाभार्थियों के बैंक खाते में किया गया। इस समारोह में 46,000 लाभार्थियों के आवासों का गृह प्रवेश भी प्रधान मंत्री जी द्वारा किया गया जिनका निर्माण कार्य वर्ष 2022-23 & 2023-24 में पूर्ण किया गया।
प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2016 में माननीय प्रधान मंत्री जी के द्वारा “सभी के लिए आवास” के उद्देश्य से की गई थी। इस योजना के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पक्का घर प्रदान करके कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले परिवारों और सभी बेघर परिवारों को अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण द्वारा बुनियादी सुविधाओं के साथ आवास प्रदान करवाया जा रहा है।
ग्रामीण भारत के सम्पूर्ण विकास की दिशा में कार्यरत इस योजना का लक्ष्य केवल पक्का आवास ही नहीं अपितु पक्के आवास के साथ सभी मूलभूत सुविधायें भी सुनिश्चित करना है। प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत लाभार्थियों को MGNREGA के तहत अपने घर बनाने के लिए 90-95 दिनों की मजदूरी का भी लाभ मिलता है साथ ही साथ अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, इत्यादि से समन्वय कर पीएमएवाई-जी आवासों में शौचालय, स्वच्छ ईंधन और बिजली की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। योजना के तहत अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से पीएमएवाई-जी परिवारों की महिला सदस्यों को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में भी शामिल किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण बहनों को बेहतर आजीविका के अवसर मिलें। अगले पाँच वर्षों में योजनांतरगर्त पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से अभिसरण के माध्यम से लभान्वितों को सोलर रूफ टॉप लगवाने का प्रावधान भी किया जायेगा।
योजनान्तर्गत मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ आवासों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसके विरुद्ध 100% आवासों को ससमय स्वीकृत किया जा चुका है एवं 2.66 करोड़ आवास पूर्ण किये जा चुके हैं। गत दस वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 3.42 करोड़ आवासों का निर्माण किया गया है। प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण की सफलता और अधिक ग्रामीण घरों की आवश्यकता को महसूस करते हुए योजना का विस्तार किया गया है और आने वाले 5 वर्षों में अतिरिक्त 2 करोड़ आवासों के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। ये 2 करोड़ नए घर, अगले पांच साल में 3.06 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाए जाएंगें।
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