CM साय बोले-निर्माण में गड़बड़ी तो ठेकेदार को भेजें जेल, कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में कहा-स्कूलों की गुणवत्ता से समझौता नहीं; सुकमा-बलरापुर कलेक्टर पर जताई नाराजगी

रायपुर, 12 सितम्बर (वेदांत समाचार)। सीएम विष्णुदेव साय ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में गरियाबंद के सूपेबेड़ा में किडनी रोगियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, किडनी के मरीजों की संख्या घटाने के लिए तेजी से कार्य करें। जरूरत पड़े तो दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाएं। वहीं वह अपने स्वभाव के विपरीत भी नजर आए।

आमतौर पर सहज और सरल रहने वाले CM साय ने कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कड़े तेवर दिखाए। सभी जिला कलेक्टर को दो टूक कहा- भाषा पर संयम रखें, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, नहीं तो मैं करूंगा। दरअसल, पिछले दिनों बिलासपुर और राजनांदगांव में अफसरों ने छात्राओं को जेल भेजने की धमकी दी थी।

वहीं राजस्व मामलों को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई। CM ने कहा बोले- छोटे-छोटे कामों को लेकर उन्हें सीएम हाऊस तक आना पड़ रहा है। जनता भटक रही है, ये बर्दाश्त नहीं। राजस्व मामलों को लेकर उन्होंने खासतौर पर सारंगढ़, खैरागढ़ और बस्तर का जिक्र किया।

रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में CM साय जिलों के कलेक्टर की कॉन्फ्रेंस ले रहे हैं।

रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में CM साय जिलों के कलेक्टर की कॉन्फ्रेंस ले रहे हैं।

राजस्व विभाग की समीक्षा में कड़े तेवर

न्यू सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों से कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की। इस दौरान उनके तेवर कड़े हो गए। उन्होंने सारंगढ़ ,बस्तर, खैरागढ़ में राजस्व मामलों की धीमी गति पर नाराजगी जताई। साथ ही कलेक्टर को राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, राजस्व संबंधित सभी कार्य समय-सीमा पर पूरे हों। उन्होंने कहा कि, अविवादित नामांतरण के केस को समय सीमा पर पूरा करें। 70 प्रतिशत से कम निराकरण वाले जिले ज्यादा फोकस करें। विवादित विभाजन के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हों। उन्होंने कहा कि, सीमांकन जनता से जुड़ा विषय है। जो आदेश है, उसका सीमांकन हो जाए। नागरिक छोटी-छोटी त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें। सीएम ने कहा, ​​​​​​समय सीमा में निराकरण करने से सरकार की छवि बनती है

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