Mahakumbh 2025 : महाकुंभ ने बनाए 3 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, दुनिया ने देखे आस्था के महापर्व के कई रंग…

प्रयागराज: 45 दिनों तक चले महा कुंभ 2025 ने न केवल करोड़ों श्रद्धालुओं को संगम में पुण्य स्नान का अवसर दिया, बल्कि इसने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी तीन नए कीर्तिमान दर्ज किए. 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन साबित हुआ. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर इसका समापन हुआ, लेकिन इस भव्य आयोजन के कुछ अनोखे तथ्य सभी को चौंका रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “विश्व इतिहास में अभूतपूर्व और अविस्मरणीय” आयोजन बताया. उन्होंने संतों, अखाड़ों और धार्मिक गुरुओं को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इसे एक दिव्य और भव्य उत्सव में बदल दिया, जो पूरे विश्व को एकता का संदेश दे रहा है.

1. गंगा सफाई में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

महाकुंभ के दौरान 4 अलग-अलग स्थानों पर 360 लोगों की टीम ने गंगा की सफाई कर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. यह पहली बार था जब इतने बड़े पैमाने पर संगठित तरीके से सफाई अभियान चलाया गया और इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया.

2. 10,102 लोगों ने बनाया सबसे लंबी हैंड पेंटिंग का रिकॉर्ड

महाकुंभ में 10,102 लोगों ने मिलकर एक विशाल हैंड प्रिंट पेंटिंग बनाई, जिसमें उन्होंने एकता, सामाजिक समरसता और अखंडता का संदेश दिया. 2019 के कुंभ में 7,660 लोगों ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन इस बार इसे तोड़ते हुए नया इतिहास रचा गया.

संयुक्त मजिस्ट्रेट राजपल्ली जगत साई ने बताया कि इस पेंटिंग में इको-फ्रेंडली रंगों का इस्तेमाल किया गया, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो.

3. सफाई अभियान में बना 19,000 लोगों का नया विश्व रिकॉर्ड

2019 में प्रयागराज कुंभ में 10,000 सफाई कर्मचारियों ने एक साथ सफाई कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. लेकिन इस बार महाकुंभ 19,000 सफाई कर्मियों ने एक साथ मिलकर पूरे मेले को स्वच्छ बनाने में योगदान दिया और नया गिनीज रिकॉर्ड कायम किया.

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा, “महा कुंभ न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, बल्कि यह दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी बन चुका है. इसे सफल बनाने में सफाईकर्मी असली नायक हैं, जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर कुंभ क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखा.”

महाकुंभ के इन तथ्यों को भी जान लीजिये

महाकुंभ में हर दिन 1.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो इसे दुनिया का सबसे भीड़भाड़ वाला धार्मिक आयोजन बनाता है. इस बार महा कुंभ में 70 से अधिक देशों से आए 50 लाख से अधिक विदेशी श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. यह संख्या अमेरिका, चीन और रूस जैसे कई देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, महा कुंभ 2025 के लिए 16,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जिनके जरिए 5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे.

6 प्रमुख स्नान पर्वों ने दिया अमृत स्नान का अवसर

  • महा कुंभ में कुल 6 प्रमुख स्नान पर्व हुए:
  • पौष पूर्णिमा (13 जनवरी)
  • मकर संक्रांति (14 जनवरी)
  • मौनी अमावस्या (29 जनवरी) – पहला अमृत स्नान.
  • बसंत पंचमी (3 फरवरी) – दूसरा अमृत स्नान.
  • माघी पूर्णिमा (12 फरवरी)
  • महाशिवरात्रि (26 फरवरी) – तीसरा अमृत स्नान.

महा कुंभ 2025 ने इतिहास रच दिया है. यह न केवल दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना, बल्कि साफ-सफाई, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विविधता के नए आयाम भी स्थापित किए. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज तीन नए रिकॉर्ड इसके भव्य स्वरूप को और भी खास बना देते हैं.