रायपुर, 19 जुलाई। सरकार ने राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति के चेयरमैन डॉ. बीपी नोन्हारे को पद से हटा दिया है। नोन्हारे की नियुक्ति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगी है। जिस पर सुनवाई चल रही है। केंद्र सरकार की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने नोन्हारे को पद मुक्त कर दिया है। उनका कार्यकाल 3 महीने बाकी था। आईएफएस के 85 बैच के अफसर डॉ. नोन्हारे को भूपेश सरकार ने रिटायरमेंट के बाद पर्यावरण की राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति का चेयरमैन बनाया था। पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए समिति की अनुशंसा अनिवार्य होती है। डॉ. नोन्हारे के खिलाफ पर्यावरण क्लीरेंस से जुड़े प्रकरणों को लेकर पिछली और वर्तमान सरकार में भी शिकायतें आई थीं।
यह बात भी सामने आई कि सेवा अवधि के दौरान जांच प्रकरण को नजरअंदाज कर नोन्हारे को चेयरमैन बनाया गया। इसके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग स्तरों पर शिकायत की थी। इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता विजय पटेल ने
हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। जस्टिस एनके व्यास की एकल पीठ ने सरकार से जवाब मांगा है। केंद्र सरकार ने भी नोन्हारे के खिलाफ शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को जवाब तलब किया था। राज्य सरकार के जवाब के बाद केंद्र ने उन्हें हटाने की अनुशंसा की थी। इसी बीच राज्य सरकार ने उन्हें पदमुक्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आवास पर्यावरण विभाग के संयुक्त सचिव सी टिर्की ने नोन्हारे को पदमुक्त करने का आदेश जारी करते हुए कहा है कि 16 जुलाई के बाद समिति द्वारा की गई बैठक आमान्य होगी।
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