श्री काशी विश्वनाथ धाम में अब श्रद्धालुओं के लिए दर्शन करना और भी ज्यादा सुगम हो गया है. अब श्रद्धालु क्यूआर कोड के जरिए बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे. इसके लिए श्रद्धालुओं को क्यूआर कोड वाले आधारित परिचय पत्र से एंट्री दी जाएगी. मंदिर से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था मार्च से ही लागू कर दी गई है. वहीं, आगामी दिनों में यह व्यवस्था आम लोगों, वीआईपी दर्शन के लिए भी लागू कर दी जाएगी. आम श्रद्धालुओं के दर्शन को सुगम बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है. जिसके बाद श्रद्धालु आरएफआईडी मशीन के जरिए ही मंदिर में एंट्री ले पाएंगे. मंदिर प्रशासन के द्वारा श्री काशी विश्वनाथ के लोगों वाला परिचय पत्र जारी किया जाएगा. जिसके बाद श्रद्धालु इस क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे और मंदिर का प्रवेश द्वार खुल जाएगा.
क्यूआर कोड के जरिए श्रद्धालु मंदिर में कर सकेंगे एंट्री
आपको बता दें कि इस नई व्यवस्था के जरिए मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड रखना भी आसान हो जाएगा. क्यूआर कोड की व्यवस्था को कुछ ही हफ्तों में शुरू किया जाना है. इसे लेकर मंदिर के प्रवेश द्वार पर आरएफआईडी मशीन भी लगाई जा चुकी है. इसे लेकर टेंडर भी आमंत्रित किए जा चुके हैं. इस क्यूआर कोड के लिए श्रद्धालु ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे और फिर उन्हें क्यूआरकोड वाले आधारित परिचय पत्र दिया जाएगा. जिस कार्ड को आरएफआईडी मशीन से 15 मीटर की दूरी से पढ़ा जा सकता है. इस कार्ड पर श्रद्धालु का नाम, पता और मोबाइल नंबर की जानकारी होगी. इसके अलावा काशी विश्वनाथ धाम में एक ऐसा सेंटर भी खोला गया है, जहां पर श्रद्धालु क्यूआर कोड के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे. वहीं, वहां लगे स्क्रीन के जरिए मंदिर में पूजा और आरती की भी बुकिंग कर सकते हैं.
काशी विश्वनाथ का इतिहास
आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजा हरीशचंद्र ने कराया था. जिसे 1194 में मुहम्मद गौरी ने ध्वस्त कर दिया था. बाद में फिर से इस मंदिर का निर्माण कराया गया. यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. मंदिर वाराणसी में गंगा के तट पर स्थित है.
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