प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो. लाल बहादुर वर्मा का कोरोना से निधन, देहरादून के एक अस्पताल में अंतिम सांस

नामचीन इतिहासकार, संपादक व संस्कृतकर्मी प्रो. लाल बहादुर वर्मा का रविवार रात 3:30 बजे कोरोना से निधन हो गया। मेंहदौरी कॉलोनी के रहने वाले लाल बहादुर वर्मा पिछले कुछ दिनों से कोरोना से संक्रमित थे और देहरादून स्थित इंद्रेश अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

देहरादून में रह रही उनकी बेटी आशु ने बताया कि संक्रमण के कारण 5 मई को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को उनकी स्थिति में सुधार भी हो रहा था। लेकिन रविवार रात में हृदयगति रुक गई। वे किडनी की बीमारी से भी ग्रसित थे। सोमवार को देहरादून में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिवार में उनकी पत्नी, बेटा सत्यम वर्मा और बेटी आशु है।उनके निधन की जानकारी होने पर शहर के साहित्यकारों संस्कृत कर्मियों और शिक्षकों में शोक की लहर फैल गई।

10 जनवरी,1938 को बिहार के छपरा जिले में जन्मे प्रो. लाल बहादुर वर्मा की प्रारम्भिक शिक्षा आनंदनगर, गोरखपुर से प्राप्त की। गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक, लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और गोरखपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधियों प्राप्त की।लाल बहादुर वर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग में 1991 से 1998 तक अध्यापन किया।