सरगुजा उत्तरप्रदेश के बरेली की एसडीएम ज्योति मौर्य जैसा सरगुजा में भी मामला सामने आया है। सरकारी नौकरी लगने के बाद पत्नी अपने पति और बच्चे को छोड़कर मायके चली गई। वो अब वापस आने को तैयार नहीं है। पत्नी ने हलफनामा में खुद को कुंवारी बताकर मां की अनुकंपा नियुक्ति ली है। इसकी शिकायत के बाद मामला 10 महीने से पेंडिंग में है।
जानकारी के मुताबिक, लखनपुर विकासखंड के ग्राम तराजू निवासी दीपक राजवाड़े की पत्नी सुलोचनी राजवाड़े को मां की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली है। दीपक राजवाड़े ने अपनी शिकायत में बताया कि सुलोचनी की मां समुद्री बाई जल संसाधन विभाग में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी थी।
दीपक राजवाड़े ने शिकायत में बताया है कि, सास समुद्री बाई के 7 बच्चे थे। 24 अगस्त 2018 को मौत के बाद सुलोचनी ने सभी भाई-बहनों की सहमति ले ली। खुद को अविवाहित बताकर हलफनामा पेश कर अनुकंपा नियुक्ति ले ली। जबकि वो शादीशुदा है और दो साल का बेटा है।
दीपक राजवाड़े ने बताया कि, सुलोचनी ने नौकरी लगने के बाद उसे और बच्चे को भी छोड़ दिया। सुलोचनी की अनुकंपा नियुक्ति सूरजपुर में है। पत्नी ने वापस आने से मना कर दिया। इसकी शिकायत सरगुजा संभाग आयुक्त, कलेक्टर सूरजपुर और कार्यपालन अभियंता जल संसाधन में की गई है। हालांकि शिकायत अब तक पेंडिंग है।
सुलोचनी राजवाड़े की सास कला बाई ने बताया कि, सुलोचनी के नहीं लौटने पर सामाजिक बैठक भी कराई गई, लेकिन वो ससुराल वापस आने को तैयार नहीं है। बच्चे का पालन पोषण वे कर रहे हैं। लेकिन पालन-पोषण में परेशानी हो रही है।
जल संसाधन के कार्यपालन अभियंता चंद्रभान ध्रुव ने कहा कि, मामले की शिकायत मिली है। अनुकंपा नियुक्ति मुख्य अभियंता कार्यालय अंबिकापुर में की जाती है। सुलोचनी को नोटिस जारी किया गया था, उसने जो जवाब दिया है, उसे कलेक्टर सूरजपुर, मुख्य अभियंता और जल संसाधन अंबिकापुर को भेज दिया गया है। अब अंतिम फैसला मुख्य अभियंता कार्यालय अंबिकापुर में ही होगा।
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