कोरबा, 05 जून । विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार गठन के बाद कांग्रेसियों का भाजपा प्रवेश का सिलसिला शुरू हो गया। पांच माह के अंतराल में ढाई हजार से भी अधिक कांग्रेसियों ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। इससे कांग्रेस के वोट बैंक में अर पड़ने की आशंका जताई जा रही थी। जनता ने दल बदलुओं को एक सिरे से नकार दिया और जीत सेहरा कांग्रेस के सिर बंधा।
विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बदलते ही विपक्ष की भूमिका में रहने के बजाए कई कांग्रेसियों ने दल बदल शुरू कर दिया। ऐेन लोकसभा चुनाव के दौरान शहर से लेकर गांव में पाला बदलने वाले कार्यकर्ताओं को लेकर कांग्रेस खेम में काफी निराशा देखी जा रही थी। आशंका यह भी व्यक्त की जा रहा थी कि मतदान में इसका व्यापक असर पड़ेगा। पर ऐसा नहीं हुआ, जनता ने पैतरा बदलने वालों को खूब सबक सिखाया।
पिछले चुनाव की तुलना में कांग्रेस को 10 प्रतिशत अधिक मत मिला है। लोकसभा में परिवर्तन की इस लहर ने आगामी चुनाव में दल बदलुओं को सावधान कर दिया है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के बाद आगामी दिनोंं स्थानीय चुनाव होना है। इसके लिए भावी प्रत्याशियों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। कांग्रेस छोड़कर आने वाले दल बदलुओं को लेकर अब भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं को अपने अस्तित्व के लिए दोहरी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है।
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