बिल गेट्स (Bill Gates) और मेलिंडा गेट्स (Melinda Gates) ने अलग होने का ऐलान कर दिया है. ऐसे में इस बात की चर्चा शुरू होने लगी है कि तलाक के बाद मिलने वाली अरबों डॉलर की संपत्ति को मेलिंडा कहां खर्च करने वाली हैं. अब तक बिल और मेलिंडा दुनिया के सबसे अमीर और परोपकारी जोड़ा था. तलाक के बाद भी दोनों दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल रहेंगे. दशकों तक मेलिंडा गेट्स ने परोपकारी कार्यों को किया है. उनकी पहचान एक परोपकारी रोल मॉडल के रूप में होती है.
सीएनएन बिजनेस से बात करते हुए मेरियन वेंचर्स के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर एलेक्सिस डी राड्ट सेंट जेम्स ने कहा कि लोगों के जीवन में सुधार करने के उनकी काबिलियत पर मुझे कोई शक नहीं है. मेलिंडा द्वारा पहले किए गए परोपकारी कामों को देखते हुए उनसे आने वाले दशक में काफी उम्मीदें लगाई जा रही हैं. आइए उन क्षेत्रों पर नजर दौड़ाई जाए, जिसे लेकर माना जा रहा है कि मेलिंडा इन क्षेत्रों पर अपने पैसे के जरिए काम कर सकती हैं.
महिला सशक्तिकरण
मेलिंडा खुद कह चुकी हैं कि महिलाओं और लड़कियों की जिंदगी में ढांचागत असमानता है. इसके लिए उन्होंने 2015 में ‘पायवोटल वेंचर्स’ नाम से एक कंपनी शुरू की थी. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनी महिला केंद्रित प्रयासों पर फोकस करती है और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाती है. मेलिंडा महिलाओं के लिए गर्भ निरोधक गोलियों तक पहुंच के अधिकार को लेकर भी मुखर रही हैं क्योंकि यह न केवल उनके शरीर पर उनका अधिकार देता है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा गरीबी रोकने वाला हथियार है. ऐसे में माना जा रहा है कि मेलिंडा अब महिला सशक्तिकरण पर ज्यादा ध्यान देंगी.
मानसिक स्वास्थ्य
मेलिंडा गेट्स ने कई मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शुरुआत की है. ‘साउंड इट आउट’ के साथ उनका जुड़ाव और ‘द अपस्विंग फंड फॉर एडोल्सेंट मेंटल हेल्थ’ के उनके पिछले साल के लॉन्च से पता चलता है कि वह आगामी दशकों में इस मुद्दे पर अपना ध्यान केंद्रित रखेंगी.
कोविड-19 वैक्सीन तक सबकी पहुंच
मेलिंडा गेट्स कई मौकों पर इस बात को कह चुकी हैं कि सभी के लिए वैक्सीन तक पहुंच होना कितना जरूरी है. उन्होंने सीएनएन से बातचीत में कहा था कि हर किसी को वैक्सीन की जरूरत है. अगर हम इसे सिर्फ अमीर मुल्कों को देंगे तो ये बीमारी चारों ओर फैल जाएगी. उन्होंने कहा था कि फिर हमें दुनिया में दोगुना मौतें होते हुए देखना पड़ेगा. हमारी अर्थव्यवस्थाओं के उबरने की रफ्तार भी बेहद धीमी होगी. ऐसे में इस बात की उम्मीद है कि अब वह अपने धन के जरिए लोगों तक वैक्सीन को मुहैया कराने की दिशा में काम करेंगी.
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