कोरबा,24फ़रवरी2025 (वेदांत समाचार)। जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत ग्राम पंचायत पसरखेत, मदनपुर, सिमकेदा, फुलसरी, एवं चाकामार में निजी शौचालय निर्माण में आर्थिक अनियमित्ता बरतते हुए बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी, जिसकी जांच में गांव के सरपंच एवं सचिव को दोषी पाये जाने पर जिला प्रशासन को इनसे राशि वसूली करने एवं अपराधिक कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे दोषियों के हौसले बुलंद है।
इस ओर सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी लाल सोनी ने जिलाधीश, सीईओ जिला पंचायत एवं उप संचालक पंचायत का ध्यान आकृष्ट करते हुए तत्काल कार्रवाई किये जाने की मांग की है। उपरोक्त अधिकारियों को लिखे गये पत्र में बताया गया है कि जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम पंचायत पसरखेत, मदनपुर, सिमकेदा, फुलसरी, एवं चाकामार में शासन के द्वारा स्वीकृत शौचालय निर्माण कार्य में संबंधित निर्माण एजेंसी के द्वारा बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ी की गई थी। जिसकी शिकायत प्रशासन से हुई थी। शिकायत की जांच उपरांत जनपद पंचायत कोरबा के द्वारा दोषी पाये गये सरपंच एवं सचिव से राशि वसूली अपराधिक कार्यवाही का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा गया था जो कि उप संचालक पंचायत विभाग कोरबा के समक्ष प्रस्तुत था। इसी दौरान मामले में दोषी पाये गये सरपंच एवं सचिवों के द्वारा कार्रवाई प्रक्रिया को उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा जारी स्थगन आदेश प्रस्तुत कर दिया गया था, जिसके कारण आगे की पूरी कार्रवाही जिला प्रशासन के द्वारा लंबित कर दी गई थी। लेकिन 23 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के द्वारा पूर्व में जारी किये गये स्थगन आदेश को निरस्त करते हुए रिट याचिका को भी रद्द कर दिया गया है। ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई होनी है लेकिन कार्रवाही नहीं होने उनके हौसले बुलंद है। अत: मांग है कि शौचालय निर्माण में आर्थिक गड़बड़ी करने वाले ग्राम पंचायतों को तात्कालिन सरपंच एवं सचिवों से राशि वसूलने के साथ ही उन पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने संबंधित आदेश जारी किया जाये। प्रकरण में दोषी पाये गये सरपंच एवं सचिवों के नाम इस प्रकार है सीताराम राठिया, परदेशी राम, चंदोबाई राठिया, कैलाश राठिया, महेश्वरी राठिया, सुरेश खुंटे,रामप्रसाद यादव, श्याम कुमार एवं ईश्वर धीरहे।