उज्जैन। भगवान महाकाल मंदिर में फूलों की बारिश के साथ होली की शुरुआत हुई। बड़ी संख्या में मौजूद भक्तों पर भस्मारती के दौरान फूलों की बारिश की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। रविवार तड़के भस्म आरती के लिए महाकाल मंदिर के पट खुलने के बाद भगवान महाकाल की विधि विधान से पूजाअर्चना और अभिषेक किया गया।
भस्मआरती के दौरान विविध पुष्पों की बौछार कर भगवान महाकाल के साथ होली की शुरुआत की गई। मंदिर में आए बड़ी संख्या में भक्तों पर पंडों और पुजारियों ने पुष्पों की बारिश की।
संध्या आरती के बाद होगा होलिका दहन
आज महाकाल मंदिर में फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर शाम 7.30 बजे संध्या आरती के बाद होलिका दहन किया जाएगा। सोमवार को धुलेंडी पर्व मनाया जाएगा। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी, पुरोहित व भक्तों के साथ महाकाल मंदिर में हर्बल गुलाल से होली खेली जाएगी ।
इसके साथ ही 26 मार्च से गर्मी की शुरुआत मानते हुए भगवान महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराने का क्रम आरं होगा। प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदल जाएगा।
आज मंदिर परिसर मेंओंकारेश्वर मंदिर के सामने होली बनाई जाएगी। शाम को भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद पुजारी वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होलिका का पूजन करेंगे। पुजारी परिवार की महिलाओं के द्वारा भी होलिका का पूजन किया जाएगा। इसके बाद होलिका का दहन होगा। फाग उत्सव मनाया जाएगा।
मंदिर की पूजन परंपरा में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है। प्रतिपदा 26 मार्च को है, इसलिए भगवान की दिनचर्या में बदलाव होगा। सर्दी के दिनों में भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जा रहा था। अब चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से शरद पूर्णिमा तक अगले छह माह भगवान शीतल जल से स्नान करेंगे। इस अवधि में आरती का समय भी बदलेगा।
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