बिलासपुर,02 मार्च । छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी रतनपुर जहां राजा महाराजाओं के समय से जो स्वर्णिम परंपराएं विकसित हुई थी उसका जीवंत रूप आज भी यहां देखने को मिलता है। उनमें से एक है रतनपुर का ऐतिहासिक माघी पूर्णिमा आदिवासी विकास मेला। सप्ताह भर तक चलने वाले इस मेले की शुरुआत 24 फरवरी से हुई थी और सात दिनों तक इंद्रधनुषी छटा बिखेरती इस मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री अरुण साव व विशिष्ट अतिथि बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
रतनपुर मांघी पूर्णिमा प्रशासनिक मेले में पहुंचे अतिथियों का मेला परिसर में भव्य आतिशी स्वागत किया गया। उसके बाद उपमुख्यमंत्री साव द्वारा माँ महामाया व छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया गया। तत्पश्यात न.पा अधिकारी, एच डी रात्रे, न.पा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के द्वारा उप मुख्यमंत्री अरुण साव को शाल,श्रीफल,कांसे का लोटा तथा पारंपरिक मेले का उखरा प्रसाद और मेले का प्रतीक चिन्ह के रूप में लकड़ी का तलवार भेंट कर सम्मानित किया गया।
ऐतिहासिक माघी पूर्णिमा आदिवासी विकास मेले से समापन के अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि आज एक आदिवासी समाज की बेटी एक राष्ट्रपति के रुप में देश का नेतृत्व कर रही है, जो कि आदिवासी समाज के उत्थान का संकेत है। इसके अलावा उन्होंने केंद्र एवं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं के व जनता को मिल रहे लाभ के बारे में बतलाया। और अंत मे मेला परिसर में विभिन्न विभागों के द्वारा स्टाल लगाने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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