रायपुर,25 फरवरी । प्रदेश में लोकसभा की 11 सीटों में से करीब पांच सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान फरवरी के आखिरी दिन कर सकती है. दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्य की 11 सीटों के उम्मीदवारों के नामों पर मंथन हुआ है. चर्चा है कि एक सीट पर वर्तमान सांसद को फिर से मौका दिया जा सकता है.
संगठन से जुड़े सूत्र बताते हैं कि दुर्ग से सांसद विजय बघेल को पार्टी एक बार फिर मैदान में उतार सकती है. विजय बघेल ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. विजय बघेल ने पाटन सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, जबकि इस सीट को बीजेपी कठिन मानकर चल रही थी. विजय बघेल ने दमदारी से चुनाव लड़ा. यही वजह है कि पार्टी उन्हें टिकट देकर उपकृत कर सकती है. कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो राजनांदगांव सीट से संतोष पांडेय को भी पार्टी एक बार फिर से मैदान में उतार सकती है.
बिलासपुर लोकसभा सीट को लेकर सर्वाधिक दावेदारी सामने आई है. इनमें शील साहू, भूपेंद्र सवन्नी, रजनीश सिंह के नाम चर्चा में सामने आए हैं. विधानसभा चुनाव में शीलू साहू लोरमी से टिकट की दौड़ में थी, लेकिन पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष रहे अरुण साव को मैदान में उतारा था. भूपेंद्र सवन्नी संगठन में विभिन्न दायित्वों पर काम कर चुके हैं. प्रदेश महामंत्री रहे. रमन सरकार के दौरान हाउसिंग बोर्ड के चेयरमेन के रूप में भी काम कर चुके हैं. वहीं रजनीश सिंह बेलतरा सीट से विधायक रह चुके हैं. विधानसभा में उनकी टिकट काटकर बीजेपी ने सुशांत शुक्ला को मैदान में उतारा था.
कोंडागांव सीट से विधायक चुनी गई लता उसेंडी बस्तर लोकसभा सीट के लिए एक मजबूत चेहरे के रूप में सामने आई हैं. हालांकि दौड़ में दंतेवाड़ा के पूर्व विधायक दिवंगत भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी का नाम भी चर्चा में है. वहीं पूर्व सांसद दिनेश कश्यप भी एक मजबूत चेहरे के रूप में देखे जा रहे हैं. संगठन के जानकार बताते हैं कि इन सब में लता उसेंडी का पलड़ा सबसे भारी दिखता है. कोरबा सीट को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का नाम खूब सुर्खियों में रहा है, मगर ताजा घटनाक्रम में विकास महतो एक बड़े दावेदार के रूप में देखे जा रहे हैं. विकास पूर्व सांसद बंशीलाल महतो के पुत्र हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के जयसिंह अग्रवाल ने शिकस्त दी थी. अंबिकापुर से टी एस सिंहदेव के खिलाफ तीन विधानसभा चुनाव लड़ चुके अनुराग सिंहदेव का नाम भी चर्चा में है. वहीं सरगुजा लोकसभा सीट के लिए रामसेवक पैकरा और कमलभान सिंह का नाम रेस में शामिल है. रामसेवक रमन सरकार में गृह मंत्री की हैसियत से काम कर चुके हैं, वहीं कमलभान पूर्व सांसद रह चुके हैं.
चार सांसदों को लड़ाया था विधानसभा चुनाव
बीजेपी ने अपने चार सांसदों अरुण साव, विजय बघेल, गोमती साय और रेणुका सिंह को विधानसभा का चुनाव लड़ाया था. इनमें विजय बघेल को छोड़कर बाकी तीन सांसदों ने चुनाव में जीत दर्ज की थी. चुनाव जीतने के बाद अरुण साव साय कैबिनेट में बतौर उप मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं. गोमती साय और रेणुका सिंह इस वक्त विधायक की हैसियत से राजनीति में सक्रिय हैं. विजय बघेल कड़ी प्रतिस्पर्धा में चुनाव हार गए थे. चर्चा है कि पहली सूची में इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय होंगे. पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद कोरबा और बस्तर सीट से बीजेपी को शिकस्त खानी पड़ी थी. ऐसे में संकेत हैं कि बीजेपी इन सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान पहली ही सूची में कर दे.
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