असम पुलिस के क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने राहुल गांधी सहित 11 कांग्रेस नेताओं को समन भेजा है। इसके जरिए इन लोगों को 23 फरवरी को विभाग के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
कांग्रेस नेताओं पर भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान गुवाहाटी में सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने का आरोप है। अधिकारियों के मुताबिक, सीआरपीसी की धारा 41A (3) के तहत सोमवार को यह समन जारी किया गया। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, जितेंद्र सिंह अलवर, असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा, सांसद गौरव गोगोई, असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया और अन्य से पूछताछ होनी है।
इसके अलावा, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) प्रभारी कन्हैया कुमार को भी समन भेजा गया है। सीआईडी, गुवाहाटी के पुलिस इंस्पेक्टर कैखोसे सिमटे ने समन में लिखा, ‘मौजूदा जांच के संबंध में आप लोगों को निर्देशित किया जाता है। आपको 23 फरवरी को सुबह 11:30 बजे सीआईडी पुलिस स्टेशन में पेश होना होगा।’ असम कांग्रेस की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आई है। इसमें कहा गया कि वे निर्देश के मुताबिक CID के सामने पेशहोंगे। हालांकि, इसकी जरूर नहीं थी क्योंकि समन में दर्ज नामों में से कोई भी किसी तरह के तोड़फोड़ में शामिल नहीं रहा है।
‘आखिर अलग-अलग जगहों पर बुलाने की क्या जरूरत’
देबब्रत सैकिया ने कहा, ‘कांग्रेस नेताओं के खिलाफ राज्य भर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में मामले दर्ज हुए हैं। हमें अपील करने के लिए कहा जा रहा है। विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी हुआ है और अब सीआईडी ने हमें बुलावा भेजा है।’ उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों को एक साथ रखा जा सकता था। इसके बाद आप हमें पूछताछ के लिए बुलाते। सैकिया ने कहा कि यह तो साफ तौर पर विपक्ष को परेशान करने की कोशिश है। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी को लेकर मामले दर्ज हुए थे। इस दौरान तो पुलिस सभी मामलों को एक जगह लेकर आई था। मगर, अब वे हमें यहां-वहां बुला रहे हैं और ऐसा करके अपमानित करना चाहते हैं। उनकी मंशा साफ तौर पर पता चलती है।
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