कोरबा 5 फरवरी। कोरबा स्थित एसईसीएल की कुसमुण्डा क्षेत्र की खदानों में कोयला उत्खनन के लिए किए जा रहे हैवी ब्लास्टिंग के मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों के जानमाल की सुरक्षा व जनहित में अंकुश लगाने के लिए पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत के साथ ही प्रमुख सचिव, छ.ग. शासन, सचिव – उद्योग विभाग, छ.ग. शासन और अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक, एस.ई.सी.एल. मुख्यालय ’बिलासपुर को पत्र लिखा है। कलेक्टर को लिखे पत्र में जयसिंह अग्रवाल ने इस बात पर विशेष जोर दिया है कि कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुसमुण्डा खदान प्रबंधन द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली ग्र्रामीणों के जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी रूप में उचित नहीं है।
उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया है कि ग्रामीणों के जानमाल से खिलवाड़ करते हुए उत्पादन लक्ष्य को हासिल करना एसईसीएल प्रबंधन की कार्यशैली पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लगाता है जिसे किसी भी दृष्टि से न सर्वोपरि नहीं माना जा सकता है। पूर्वमंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि ग्रामीण अंचलों में प्रायः खपरैल अथवा एसबेस्टस शीट की छत वाले मकान होते हैं जो उनकी बहुत बड़ी पूंजी होती है। हैवी ब्लास्टिंग की वजह से न केवल उनके मकानों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं बल्कि इसकी जवजह से कई बार बड़े पत्थरों के टुकड़े छिटककर उनके मकानों की छतों को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे समय घर के भीतर रहने वाले लोगों के साथ कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है।
पत्र में आगाह किया गया है कि एस.ई.सी.एल. प्रबंधन की इस तरह की गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रणाली से क्षेत्र के निवासियों में बड़े पैमाने पर आक्रोश पनप रहा है जो कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। पत्र में अपेक्षा की गई है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय वारदात घटित होने से पहले विषय को गंभीरता से लेते हुए जनहित में कुसमुण्डा क्षेत्र की खदानों के निकटवर्ती बसाहट वाले ग्रामीणों को प्राथमिकता के आधार पर राहत दिलाने के लिए एस.ई.एसी.एल. प्रबंधन के साथ ठोस रणनीति तैयार करने और कड़ाई से अमल में लाने की दिशा प्राथमिकता पर कोरबा कलेक्टर से अपेक्षा की गई है कि उनके द्वारा ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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