कोरबा,24 जनवरी। रेलवे प्रशासन कोरबा की यात्री गाड़ियोंको वापसी में ही नहीं यहां से जाने केसमय भी विलंब करने में पीछे नहीं है।प्रमुख कारण पहले से मालगाडिय़ों कादबाव ऊपर से कोरबा से चांपा के बीच5 घोषित हाल्ट स्टेशन के अलावा एकऔर हाल्ट जोड़ना है। हालांकि इस नएहाल्ट स्टेशन की कोई अधिकृत घोषणानहीं की गई है, बावजूद इसके वहां हरहमेशा यात्री गाड़ियों को रोकने कासिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। अगरकभी कभार वहां यात्री गाड़ी को नहींरोका गया तो आगे चांपा से पहले आउटरमें रोकना जरूरी हो जाता है, क्योंकिअक्सर यात्री गाड़ी के समय आगे आगे मालगाड़ी को दौड़ाकर प्रबंधन यात्रियोंको अकारण परेशानी में डाल देता है।
यह नजारा अक्सर चांपा पहुंचने से पहले ट्रेनमें सफर करने वाले यात्रियों को देखने के लिए मिलता है। मालगाड़ी से 20 से 25 मिनट यात्री ट्रेन रोकना सामान्य बात होगई है। यह स्थिति तब और बिगड़ जातीहै, जिससे चांपा या बिलासपुर मेंकनेक्टिंग ट्रेन नहीं मिलती है।
5 गुना ज्यादा लग रहा समयबालपुर से चांपा की दूरी 8 तो सिवनीसे 4 किलोमीटर है। तय समय सारणीके अनुसार बालपुर से िकसी भी यात्रीगाड़ी चांपा की इस दूरी को 15 या 20मिनट में तय करना होता है पर मंगवारकी दोपहर मेमू पैसेंजर को तय करने में1 घंटा 19 मिनट लगा। यही नहींहसदेव एक्सप्रेस को 24 मिनट, तोलिंक एक्सप्रेस को 42 मिनट में तयकराया गया। सुबह की रायपुर जानेवाली पैसेंजर समय पर नहीं गई।
इस वजह से ट्रेन विलंबचांपा होकर बिलासपुर व रायपुर कीजाने वाली किसी भी यात्री गाड़ी कोकोरबा व चांपा रेलखंड में विलंबकरने का कारण मालगाड़ी कोप्राथमिकता देना होता है। कोरबा सेनिकलने वाली ट्रेन स्टापेज के साथआगे नहीं बढ़ पाती है, क्योंकि ट्रेन केआगे मालगाड़ी को कर दिया जाता है,जो चांपा से पहले सिवनी में तो रुकतीही हैं। चांपा से पहले आउटर मेंमालगाड़ी को रोक दिया जाता है।
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