कोरबा, 18 जनवरी । हाथी विचरण क्षेत्र एवं जंगलों से लगे इलाके में धान उपार्जन केंद्र खोलना एवं समय पर धान के उठाव में नाकाम रहने से चचिया धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों की जिंदगी महफूज नहीं लग रही। बीती रात पुनः लोनर (झुंड से पृथक अकेला )हाथी उपार्जन केंद्र में घुस आया व दर्जनों बोरे धान को खाकर बर्बाद कर चला गया। धान की रखवाली में लगे कर्मचारियों ने दुबक कर किसी तरह अपनी जान बचाई ।
लचर परिवहन व्यवस्था ,वन अमले की विफलता एवं असुरक्षित स्थल में 5 दिन में दूसरी बार हाथी की धमक से सहमे फड़ प्रभारी ने उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं को पत्र लिखकर उपार्जन केंद्र चचिया में तत्काल धान खरीदी बंद कर शेष किसानों का कोरकोमा में धान खरीदने की वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने की मांग की है। साथ ही मार्कफेड से खरीदे गए धान का तत्काल उठाव एवं आगामी खरीफ वर्ष से धान उपार्जन केंद्र के लिए उपयुक्त सुरक्षित स्थल का चयन करने की बात कही है।
फड़ प्रभारी ने पत्र में उल्लेख किया है कि
वनांचल धान खरीदी (उपार्जन) केंद्र चचिया में शासन प्रशासन की मंशानुरूप , दिशा निर्देशानुरूप समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य सुचारु रूप से जारी है। लेकिन घने जंगलों हाथियों के विचरण क्षेत्र के बीच अवस्थित उपार्जन केंद्र का स्थल सुचारू रूप से धान खरीदी के लिए अनुपयुक्त साबित हो रहा है । 5 दिन के भीतर दूसरी बार 17 दिसंबर की बीती रात्रि 12 .30 बजे एक लोनर (झुंड से पृथक हुआ अकेला) हाथी उपार्जन केंद्र में आ धमका। जिस दौरान हाथी आया उस दरम्यान फड़ में धान की सुरक्षा रखवाली के लिए मौजूद कर्मचारी सो रहे थे ,अचानक कुत्तों की भौंकने से उन्हें इसका अहसास हुआ। दूसरी बार हाथी के पहुंचने से डर के मारे जान बचाने कर्मचारी धान के स्टेक (छल्ली)पर ही दुबके रहे। एक दर्जन से अधिक बोरों के धान एवं दर्जनों बारदानों में रखे धान के बारदानों को फाड़कर धान बिखेरकर किसी तरह हाथी वहां से चला गया। लेकिन इस घटना के बाद कर्मचारी अत्यंत सहमे हुए हैं। हाथी के पुनः आने की संभावना है । सूचना के बाद भी मार्कफेड जिला विपणन अधिकारी राईस मिलरों से धान का समय पर प्राथमिकता से उठाव करने में विफल रहीं। कोई उच्च अधिकारी भी मौके पर सुध लेने नहीं पहुंचे। 90 फीसदी से अधिक किसानों का धान खरीदा जा चुका है ,अतः ऐसी विकट स्थिति में जंगल ,हाथी विचरण क्षेत्र से लगे इस केंद्र में तत्काल धान खरीदी का कार्य बंद कर शेष बचे किसान का धान उपार्जन केंद्र कोरकोमा से खरीदी कराने की व्यवस्था करने का कष्ट करें। आगामी वित्तीय वर्ष से धान उपार्जन केंद्र के लिए उपयुक्त सुरक्षित स्थल का चयन किया जाए। साथ ही डीएमओ को निर्देशित करने का कष्ट करें कि फड़ में रखे धान का तत्काल उठाव करें,ताकि शासन के संपत्ति की बर्बादी न हो साथ ही किसानों के साथ इसकी रखवाली करते करते कोई अप्रिय घटना घटित न हो।
संवेदनशील केंद्र के प्रति डीएमओ का बेतुका बयान, बोलीं चुटकी बजाते नहीं उठ जाती धान
जिला विपणन अधिकारी का न केवल राइस मिलरों पर नियंत्रण है न अपनी भाषाशैली पर । जिले के सबसे संवेदनशील धान उपार्जन केंद्र बन चुके चचिया में धान के उठाव की गति मंद होने संबंधी सवाल पर डीएमओ फिर आपा खो बैठीं। चिर परिचित अंदाज में डीएमओ जान्हवी जिल्हारे ने कहा कि चुटकी बजाते धान नहीं उठ जाती। मैडम ने समिति में धान खरीदी के कार्य मे तेजी आने धान की आवक बढ़ने से जाम के हालात पर समिति को ही दोषी ठहरा दिया।उन्होंने कहा कि समय रहते समितियां किसानों से धान खरीद लेतीं तो यह स्थिति निर्मित नहीं होती। संवेदानशील केंद्र के प्रति डीएमओ का यह बेतुका बयान और बौखलाहट यह बताने में काफी है कि मैडम से जिले की व्यवस्था नहीं संभल रही।आने वाले वक्त में मार्कफेड को इस दिशा में गंभीरता से पहल करनी चाहिए।
चुटकी बजाते ही धान नहीं उठ जाएगी, हम उठाव में प्रदेश में पहले पायदान पर हैं, डीओ जारी करने के दिन से 10 दिनों के भीतर धान का उठाव करना रहता है, मिलर्स उस मियाद में धान का उठाव कर रहे हैं। समितियों को धान खरीदी के लिए दी गई पर्याप्त मियाद के भीतर खरीदी में तेजी लानी थी,जिले में कहीं भी डीओ के अनुपात में बफर लिमिट से अधिक धान जाम नहीं है । चचिया से प्राथमिकता से उठाव का निर्देश देंगे।
- जान्हवी जिल्हारे, डीएमओ कोरबा
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