कोरबा, 10 जनवरी Iपरिवहन विभाग के जिम्मे यातायात नियमों को पालन कराने का जिम्मा है, लेकिन विभाग के अधिकारी ही परिवहन कार्यालय के सामने तहसील रोड पर नियम विरूद्ध मालवाहकों को खड़ा कराकर फिटनेस जांच कर रहे हैं। तंग रोड के आधे हिस्से तक मालवाहक खड़े होने से राहगीरों को परेशानी हो रही है। जुगाड़ के भवन में चल रहे परिवहन विभाग को करीब एक दशक बाद कार्यालय भवन के लिए तहसील रोड पर जमीन मिली, जहां भवन बनने के बाद कार्यालय शुरू हो गया, लेकिन लाइसेंस के लिए ट्रायल लेने व बड़े वाहनों की फिटनेस जांच के लिए मैदान के लिए जमीन नहीं मिली। पहले शासकीय महाविद्यालय के मैदान में टेस्ट ट्रायल और मालवाहकों को खड़ा करके फिटनेस जांच की जाती थी, लेकिन मैदान के लिए बाउंड्रीवाल बनने के बाद से करीब ढाई साल हो गए तहसील रोड को ही परिवहन विभाग ने फिटनेस जांच केंद्र जैसा बना लिया है।
रोड पर प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक मालवाहकों की लंबी कतार लगी रहती है। इससे रोड का आधा हिस्सा ही आवाजाही के लिए बचता है। फिटनेस जांच के लिए ट्रक, बस के अलावा हाइवा, ट्रेलर, टैंकर, हाइड्रा व अन्य विशालकाय वाहन भी पहुंचते हैं। रोड पर दिनभर लोगों की आवाजाही लगी रहती है, जो परेशानी के बीच गुजरते हैं। स्कूल के छुट्टी होने पर स्कूल की वाहनों का आवागमन बाधित होता है। हादसे की आशंका भी बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है जो बच्चों को स्कूल छोड़ने व वापस ले जाने तहसील रोड से गुजरते हैं। परिवहन अधिकारी की जगह डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ऑफिस का जिम्मा कोरबा में कांग्रेस शासनकाल से डीटीओ के पद पर परिवहन अधिकारी की जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टरों को दी जा रही है। वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर शशीकांत कुर्रे जिला परिवहन अधिकारी का प्रभार संभाल रहे हैं। इस वजह से परिवहन विभाग के कई तरह के कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहे हैं। जरूरी ट्रायल ट्रैक व फिटनेस सेंटर का निर्माण अटका हुआ है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने की वजह से रोड पर फिटनेस जांच स्थल के रूप में चल रही मनमानी भी रुक नहीं रहा है।
तहसील रोड पर प्रतिदिन पांच हजार लोगों की आवाजाही, खड़े भारी वाहनों से होती है परेशानी आईटीआई चौक से पुराने आरटीओ बिल्डिंग तक तहसील रोड है। इस क्षेत्र में जहां हाउसिंग बोर्ड कालोनी रामपुर, राजस्व कालोनी, ओम फ्लैट्स जैसे बड़ी रिहायशी कालोनी है तो सेंट्रल लाइब्रेरी व ईएसआईसी जैसी बड़ी संस्था भी है। इसके अलावा तहसील रोड से लगकर श्रम विभाग, बीईओ कार्यालय, बाल न्यायालय, ग्राम निवेश कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, तहसील, पंजीयक कार्यालय समेत कई अन्य सरकारी दफ्तर व अंग्रेजी माध्यम के दो बड़े स्कूल स्थित है। इसलिए उक्त रोड पर सुबह से रात तक लोगों का आवागमन बना रहता है। प्रतिदिन औसतन 5 हजार लोग तहसील रोड पर आवाजाही करते हैं। न नजर आते हैं दफ्तर में, न ही उठता है मोबाइल जिला परिवहन कार्यालय के कर्मी की माने तो वर्तमान प्रभारी डिप्टी कलेक्टर शशीकांत कुर्रे की कार्यशैली अफसरशाही की तरह है। वे दफ्तर में बहुत कम नजर आते हैं। फाइल उनके निवास पर पहुंच जाती हैं। इस चक्कर में कई फाइल गायब हो चुकी हैं। उनके मोबाइल पर कॉल करने पर उठता नहीं। जब हमने उनका पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क का प्रयास किया लेकिन न तो वे दफ्तर में मिले व न ही मोबाइल रिसीव हुआ।
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