छिंदवाड़ा। मोबाइल को लेकर एक बेटे को अपने पिता का कहना इस तरह नागवार गुजरा कि उसने जान देकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। पूरा मामला पिपला नारायणवार का है जहां इस घटना ने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या मोबाइल बच्चों के लिए इतना आवश्यक हो गया कि वे मोबाइल न मिलने पर जान देने पर उतारू हो जाते हैं। तीस दिसंबर को जब पीयूष पुनः मोबाइल चलाते मिला तो पिता ने उसे फटकार लगा दी। इसके बाद पीयूष घर से भाग गया, फिर वापस नहीं लौटा।
पूर्व भी अपने पैर में कुल्हाड़ी मार चुका था
पिपला नारायणवार में रहने वाले पीयूष देशमुख को अपनी पिता की फटकार इतनी नगवार गुजरी कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, एक सप्ताह के बाद गायब पीयूष का शव चिरकुटागोंदी डेम के समीप पेड़ पर फंदे में लटकता हुआ मिला। पीयूष इसके पूर्व में भी अपने पैर में कुल्हाड़ी मार चुका था जबकि कई बार मोबाइल के लिए नाराज हो चुका था, लेकिन अबकि बार उसने अपनी जान ही दे दी।
मोबाइल चलाते मिला था, फटकारा तो घर से भाग गया फिर नहीं लौटा
जानकारी में लोधीखेड़ा थाना प्रभारी जीतेन्द्र यादव ने बताया कि पिपला निवासी 16 वर्षीय पीयूष पिता सुधाकर देशमुख गत तीस दिसंबर को घर से अचानक लापता हो गया था।दरअसल पीयूष अक्सर मोबाइल चलाता था, इसको लेकर उसके पिता बार-बार उसे समझाईश दे रहे थे।
शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम कराया
परिजनों के साथ पुलिस उसकी तलाश कर रही थी लेकिन पीयूष का पता नहीं चला। इसी बीच सोमवार के दिन चिरकुटागोंदी डेम के समीप पेड़ पर एक शव मिलने की खबर मिली, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो उसकी शिनाख्त गायब पीयूष देशमुख के रूप में हुई। पुलिस ने काफी सड़ चुके पीयूष के शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम कराया है ,जबकि प्रकरण में मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
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