दो वर्षीय बीएड कोर्स को बंद कर दिया गया है. अब आरसीआई दो वर्षीय बीएड कोर्स को मान्यता नहीं देगा. इस संबंध में भारतीय पुनर्वास परिषद ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. अब दो वर्षीय बीएड के स्थान पर चार वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स को मान्यता दी जाएगी. यह कोर्स शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शुरू होगा. नई शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय स्पेशल बीएड कोर्स शुरू किया जाएगा.
भारतीय पुनर्वास परिषद ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रमों को मंजूरी देना बंद करने और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के एकीकृत बीए-बीएड कार्यक्रम के अनुरूप एक नया प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने का निर्णय लिया गया था.
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार आरसीआई की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि शिक्षकों की योग्यता को विकसित करने के लिए, एनसीटीई ने एनईपी के तहत एक एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें बीएड की अवधि दो से बढ़ाकर चार साल कर दी गई है. इस परिषद ने दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा की नई मंजूरी नहीं देने का फैसला किया है और जल्द ही एनसीटीई के अनुरूप एक नया प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित किया जाएगा.
नए सिरे से करना होगा आवेदन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरसीआई के तहत संबद्ध कॉलेजों में सामुदायिक शिक्षा और विकलांगता अध्ययन विभाग छात्रों को दो वर्षीय बीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं दे सकता है. अगले सत्र के लिए पोर्टल खुलने पर उन्हें चार वर्षीय बीएड स्पेशल के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा. इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी एंड वोकेशनल एजुकेशन को चार वर्षीय एकीकृत बीएड (साधारण/सामान्य) पाठ्यक्रम, एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम के लिए मंजूरी मिल गई है.
तैयार किया जा रहा सिलेबस
वहीं नए चार वर्षीय स्पेशल बीएड के लिए एनसीटीई सिलेबस तैयार कर रही है. पाठ्यक्रम सभी बच्चों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा, जो नई शिक्षा नीति के अनुसार होगा. स्पेशल बीएड कोर्स में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने का प्रशिक्षक दिया जाता है. इन कोर्स में 12वीं के पास कैंडिडेट एडमिशन ले सकते हैं.
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