मुंबई : भारत दुनिया के उन देशों में शुमार है, जो अपनी जरुरत का 70 फीसदी एडिबल ऑयल दूसरे देशों से इंपोर्ट करता है. यही कारण है कि भारत के इंपोर्ट बिल में लगातार इजाफा हो रहा है. अगर मार्केट की बात करें तो भारत में इसका बाजार 3 लाख करोड़ से ज्यादा है और देश सालाना 159 लाख टन से ज्यादा इंपोर्ट करते हैं.
बीते कुछ दिनों से एडिबल ऑयल यानी खाने का तेल काफी चर्चा का विषय रहा है. शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि सरकार एडिबल ऑयल के इंपोर्ट पर ड्यूटी में इजाफा कर सकती है. ताकि लोकर फार्मर्स को सपोर्ट किया जा सके. अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाने का तेल कम खाने की सलाह दी है, ताकि फिट रह सकें. वास्तव में बीते कुछ समय से देश में खाने के तेल की डिमांड में काफी इजाफा देखने को मिला है. जिसकी वजह से इंपोर्ट में बढ़ोतरी देखने को मिली और कीमतों में भी इजाफा देखने को मिला है. ऐसे में सरकारी खजाने पर भी असर देखने को मिल रहा है.
खास बात तो ये है कि हमारे देश में खाने का कारोबार 3.20 लाख करोड़ के करीब का है. हर साल 159 से 162 टन खाने का तेल इंपोर्ट किया जाता है. जोकि एक बड़ा वॉल्यूम माना जा सकता है. ताज्जुब की बात तो ये है कि भारत अपनी जरुरत का खाने का तेल आधा दर्जन देशों से इंपोर्ट करता है. भारत के लिए सबसे बड़ा सप्लायर इंडोनेशिया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश में खाने के लेत का इकोनॉमिक्स क्या है. साथ ही देश और आम लोगों की सेहत पर इस किस तरह से असर देखने को मिल रहा है, समझने की कोशिश करते हैं.
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इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की चर्चा
मीडिया रिपोर्ट में दो सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई कि घरेलू तिलहन कीमतों में गिरावट से जूझ रहे हजारों तिलहन किसानों को मदद करने के लिए भारत छह महीने से भी कम समय में दूसरी बार वनस्पति तेलों पर इंपोर्ट टैक्स बढ़ा सकता है. भारत दुनिया के खाद्य तेलों का सबसे बड़ा इंपोर्टर है, जिसके इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी से स्थानीय वनस्पति तेल और तिलहन की कीमतें बढ़ सकती हैं, जबकि संभावित रूप से मांग कम हो सकती है और पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल की विदेशी खरीद कम हो सकती है.
एक सरकारी सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शुल्क वृद्धि के संबंध में अंतर-मंत्रालयी परामर्श समाप्त हो गया है. सरकार द्वारा जल्द ही शुल्क बढ़ाने की उम्मीद है. एक अन्य सरकारी सूत्र ने भी आधिकारिक नियमों का हवाला देते हुए पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि सरकार खाद्य महंगाई पर फैसले के प्रभाव को ध्यान में रखेगी.
सितंबर 2024 में, भारत ने कच्चे और रिफाइंड वनस्पति तेलों पर 20 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाई थी. बदलाव के बाद कच्चे पाम तेल, कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर 27.5 फीसदी आयात शुल्क लगाया गया, जो पहले 5.5 फीसदी था, जबकि तीन तेलों के रिफाइंड ग्रेड पर अब 35.75 फीसदी इंपोर्ट टैक्स है.
शुल्क वृद्धि के बाद भी, सोयाबीन की कीमतें राज्य द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से 10% से अधिक नीचे कारोबार कर रही हैं. व्यापारियों को यह भी उम्मीद है कि अगले महीने नए सीजन की सप्लाई शुरू होने के बाद सर्दियों में बोई जाने वाली रेपसीड की कीमतों में और गिरावट आएगी. घरेलू सोयाबीन की कीमतें लगभग 4,300 रुपए (49.64 डॉलर) प्रति 100 किलोग्राम हैं, जो राज्य द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 4,892 रुपए से कम है.
पीएम मोदी की एडिबल ऑयल पर सलाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मासिक कार्यक्रम मन की बात के 119वें एपिसोड में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में मोटापा एक बड़ी चिंता है और इस चिंताजनक प्रवृत्ति को समझने की तत्काल आवश्यकता है. पीएम ने कहा कि मोटापा से निपटने और मोटापा कम करने के लिए पहला कदम खाद्य तेलों की खपत को दस फीसदी तक कम करना है. उन्होंने कहा कि अपने खान-पान की आदतों में थोड़ा बदलाव करके और कुछ मात्रा में शारीरिक गतिविधि जोड़कर हम मोटापे से लड़ सकते हैं.
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए, पीएम मोदी ने 24 फरवरी को उद्योगपतियों, खिलाड़ियों, राजनेताओं और कलाकारों सहित 10 प्रमुख हस्तियों को नामांकित किया, जिससे उन्हें जागरूकता फैलाने और दूसरों को भी इसी तरह के बदलाव करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. उन्होंने एक्स पर लिखा: जैसा कि कल के #मनकीबात में बताया गया था, मैं मोटापे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने और भोजन में खाद्य तेल की खपत को कम करने के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करने के लिए निम्नलिखित लोगों को नामांकित करना चाहूंगा. मैं उनसे 10-10 लोगों को नामांकित करने का भी अनुरोध करता हूं ताकि हमारा आंदोलन बड़ा हो सके!
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इन नामांकितों में उद्योगपति आनंद महिंद्रा और नंदन नीलेकणि, खिलाड़ी मनु भाकर और मीराबाई चानू, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सांसद मोहनलाल और सुधा मूर्ति, भाजपा नेता दिनेश लाल यादव, अभिनेता आर माधवन और गायिका श्रेया घोषाल शामिल हैं. जैसे-जैसे यह चर्चा गति पकड़ रही है, यह महत्वपूर्ण सवाल उठाता है कि आहार संबंधी आदतें मोटापे में कैसे योगदान करती हैं और इस बढ़ते संकट से निपटने के लिए क्या व्यापक कदम उठाए जा सकते हैं.
आधा दर्जन से ज्यादा देशों से होता है इंपोर्ट
भारत अपनी पूर्ति का 70 फीसदी से ज्यादा खाने का तेल दुनिया के आधा दर्जन से ज्यादा देशों से इंपोर्ट करता है. स्टैटिस्टा के आंकड़ों के अनुसार इंडोनेशिया भारत का सबसे बड़ा एडिबल ऑयल सप्लायर है. जिसने साल 2024 में 482 हजार टन सप्लाई किया था. उसके बाद अर्जेंटीना 359 हजार टन, मलेशिया 314 हजार टन, रूस 226 हजार टन, यूक्रेन 115 हजार टन, ब्राजील 22 हजार टन, थाईलैंड 12 हजार टन और अन्य देशों से 56 हजार टन एडिबल इंपोर्ट किया था.