रायपुर,25फ़रवरी2025 (वेदांत समाचार) । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। कांग्रेस हर दिन स्थगन प्रस्ताव लाने की रणनीति बना रही है। इसकी शुरुआत आज (मंगलवार) पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। वे बिजली कटौती और बढ़े हुए बिजली दरों के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे, जिससे सदन में हंगामे के आसार हैं।
इसके अलावा 2024-25 के तीसरे अनुपूरक बजट की मांगों पर चर्चा होगी। वित्त मंत्री ओपी चौधरी 19,762 करोड़ रुपए की अनुपूरक राशि की मांग सदन में रखेंगे।
सदन में आज कई महत्वपूर्ण रिपोर्ट पेश की जाएगी।
सदन में आज की कार्यवाही
निधन का उल्लेख – पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया जाएगा।
प्रश्नकाल – विभिन्न विभागों से जुड़े सवालों पर चर्चा होगी।
सरकारी दस्तावेज पटल पर रखे जाएंगे – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कई महत्वपूर्ण रिपोर्ट सदन में पेश करेंगे, जिनमें छत्तीसगढ़ लोक आयोग, मुक्त विश्वविद्यालय और पत्रकारिता विश्वविद्यालय के वार्षिक प्रतिवेदन शामिल हैं।
अनुपूरक अनुदान मांगों पर मतदान – वित्त मंत्री ओपी चौधरी 19,762 करोड़ रुपए की अनुपूरक राशि की मांग रखेंगे।
विनियोग विधेयक पर चर्चा – छत्तीसगढ़ विनियोग पर बहस होगी।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव – नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, विधायक विक्रम मंडावी और शेषराज हरवंश बिलासपुर में मादक पदार्थों के सेवन से हुई मौतों का मुद्दा उठाएंगे, जबकि धरमलाल कौशिक अरपा नदी प्रदूषण पर सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे। सदन में सरकार को घेरने की रणनीति कांग्रेस ने तैयार कर ली है।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर छत्तीसगढ़ वेटलैंड (नम भूमि) प्राधिकरण को लेकर सवाल उठाएंगे।
प्रश्नकाल के दौरान होंगे ये सवाल
कटघोरा वनमंडल में निर्माण कार्य – प्रेमचंद पटेल यह सवाल पूछेंगे कि 2023-24 और 2024-25 में वन विभाग ने कितने निर्माण कार्यों को मंजूरी दी, कौन-सी एजेंसी काम कर रही है, और कितने काम पूरे हुए हैं।
गृह निर्माण समितियों में बदलाव – राजेश मूणत यह पूछेंगे कि सहकारी समितियों के नियमों में बदलाव के लिए बनी कमेटी की अब तक कितनी बैठकें हुई हैं और रिपोर्ट कब तक पेश होगी।
भारतमाला परियोजना में मुआवजा – चरणदास महंत यह सवाल उठाएंगे कि रायपुर, बिलासपुर और कोरबा में जमीन अधिग्रहण, किसानों को मिले मुआवजे, पेड़ों की कटाई और देरी के कारणों पर क्या स्थिति है।
दुर्ग संभाग में खेल संस्थान – कुंवर सिंह निषाद यह जानकारी मांगेंगे कि दुर्ग संभाग में खेल प्रशिक्षण संस्थान कहां-कहां चल रहे हैं और आगे नए संस्थान खोलने की कोई योजना है या नहीं।
अधिकारियों की जांच – धरमलाल कौशिक यह सवाल पूछेंगे कि कितने प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार या अन्य मामलों में जांच चल रही है, कितनी जांचें लंबित हैं और सरकार ने अब तक क्या कार्रवाई की है।
कांकेर जिले में रॉयल्टी और अवैध खनन – आशाराम नेताम यह जानना चाहेंगे कि भानुप्रतापपुर क्षेत्र में पिछले तीन सालों में रेत, मुरुम और गिट्टी की कितनी रॉयल्टी जमा हुई, क्या कोई शिकायत हुई है और उस पर क्या कार्रवाई हुई है। साथ ही, कांकेर जिले में बिना अनुमति के संचालित खदानों पर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।
छत्तीसगढ़ वेटलैंड (नम भूमि) प्राधिकरण – अजय चंद्राकर यह सवाल उठाएंगे कि छत्तीसगढ़ वेटलैंड प्राधिकरण कब बना, इसमें कौन-कौन शामिल हैं, कितनी भूमि इसके तहत है, और इसके संरक्षण के लिए सरकार ने क्या योजनाएं बनाई हैं।
वे यह भी जानना चाहेंगे कि 2019-20 से 2023-24 तक इस प्राधिकरण को कितना बजट दिया गया, उसका कहां-कहां उपयोग हुआ और किसी अनियमितता की शिकायत हुई है या नहीं।
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बजट सत्र के लिए कांग्रेस के मुद्दे
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व बजट में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है। चाहे वह आवास योजना हो या अन्य योजनाएं, कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया।
बैठक में यह भी सामने आया कि आदिवासी छात्रावासों में छात्राओं के साथ यौन शोषण की घटनाएं हो रही हैं, जिसे सदन में उठाया जाएगा। इसके अलावा, नक्सलवाद, कानून व्यवस्था और कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे।
महंत ने कहा कि कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए विभिन्न मुद्दों को मजबूती से उठाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार झूठ के सहारे जनता और विपक्ष को संतुष्ट करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस सदन के भीतर और बाहर, दोनों जगह सरकार को घेरने की रणनीति बनाएगी और नियमित रूप से स्थगन प्रस्ताव लाएगी।
सदन में इन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस-
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना – 18 लाख हितग्राहियों को पूरी राशि नहीं मिली, केवल पहली किस्त जारी हुई। राशि के अभाव में गरीब लोग आवास निर्माण नहीं कर पा रहे।
महतारी वंदन योजना – मृतक हितग्राहियों को राशि जारी हो रही, जबकि 30 हजार पात्र महिलाएं अब तक वंचित। अपात्र लोगों को भी लाभ मिल रहा है।
तेन्दूपत्ता संग्राहक बोनस – 4500/- प्रति मानक बोरा का बोनस अब तक नहीं मिला। किसानों को धान उपार्जन की राशि किश्तों में दी जा रही है, जबकि एकमुश्त देने का वादा था।
शिक्षक भर्ती – 35 हजार शिक्षकों की भर्ती बजट में स्वीकृत हुई, लेकिन एक साल बाद भी विज्ञापन जारी नहीं हुआ।
कानून व्यवस्था – गैंगवार और दिनदहाड़े फायरिंग आम हो गई है। मादक पदार्थों और अवैध शराब की तस्करी तेजी से बढ़ रही है।
शिक्षण संस्थानों में अनाचार – प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में छात्राओं के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ रहे हैं।
आदिवासी कन्या आश्रमों में शोषण – कई छात्राएं गर्भवती हो रही हैं, जिससे महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
जल-जंगल-जमीन का निजीकरण – सरकार उद्योग-धंधों को निजी क्षेत्रों को बेचने की योजनाएं बना रही है, जिससे आदिवासियों और स्थानीय लोगों के अधिकार खतरे में हैं।
बजट को लेकर सवाल
कांग्रेस यह सवाल उठा सकती है कि क्या भाजपा सरकार के बजट में जनता के लिए ठोस योजनाएं हैं या यह केवल घोषणाओं तक सीमित रहेगा।
सरकार के वित्तीय प्रबंधन और खर्चों की प्राथमिकता पर भी कांग्रेस सवाल उठा सकती है।
केंद्र सरकार से आर्थिक सहयोग पर सवाल
कांग्रेस यह मुद्दा उठा सकती है कि केंद्र सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता में कटौती क्यों हो रही है।
केंद्रीय योजनाओं के लिए राज्य को कितना फंड मिला और वह सही तरीके से खर्च हुआ या नहीं, इस पर भी बहस हो सकती है।
पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन यानी सोमवार को राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियां गिनाई। राज्यपाल ने 36 मिनट 9 सेकंड में अपनी बात पूरी की, 380 शब्दों के अलावा अभिभाषण हिंदी में ही उन्होंने पढ़ा।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 24 घंटे, सातों दिन दुकानें खुल सकेंगी। इससे व्यवसाय बढ़ेगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। ग्राहकों को भी सुविधा मिलेगी। स्ट्रीट वेंडर को ध्यान में रखकर भी सरकार काम कर रही है।
रामेन डेका ने आगे कहा कि प्रदेश की सुंदरता ग्लोबल मैप में आई है, कांगेर वैली के गांव को बेस्ट टूरिस्ट प्लेस के रूप में यूनेस्को ने चुना है। केंद्र से छत्तीसगढ़ को 2025-26 के बजट में रेल विकास के लिए 6000 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की गई। इस बीच भूपेश बघेल ने टोका-टोकी करते हुए कहा कि यात्री ट्रेनें तो बंद हैं, लोग परेशान हैं। गरीबों को 10,000 रुपए भी नहीं मिले।