संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में पुलिस की तीन दिन जांच में ये सामने आया है कि आरोपी अराजकता फैलाने की कोशिश में थे. आरोपी ललित झा, सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद, अमोल शिंदे से गहन पूछताछ जारी है. पुलिस जांच में पता लगा कि इसकी साजिश कई महीनों से चल रही थी. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि ललित झा और अन्य आरोपी कई बार एक दूसरे से मिले थे. उनकी योजना ‘देश में अराजकता’ पैदा करने की थी. घटनास्थल से गिरफ्तार हुए सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं. पुलिस ने पूछताछ के लिए ललित झा की सात दिन की कस्टडी ली है.
ललित झा ने पुलिस के सामने कबूला कि वे अराजकता चाहते थे ताकि सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए मजबूर कर सकें. पुलिस ने बताया कि ललित ने बड़ी साजिश के तहत सबूतों को मिटाने और नष्ट करने के लिए अन्य आरोपियों का फोन ले लिया था. उसने बताया कि अपना फोन जयपुर जाते समय नष्ट कर दिया था. पुलिस ने बताया कि ललित झा इस योजना का मास्टरमाइंड था. ललित से पूछताछ करके साजिश का खुलासा होगा. ये पता करने की कोशिश होगी कि उसका किसी विदेशी देश से कोई संबंध तो नहीं था.
पुलिस ने कोर्ट को क्या बताया
पुलिस ने कोर्ट को बताया, “हमें आरोपियों का एक-दूसरे से सामना कराने, मोबाइल फोन का पता लगाने, उस होटल का पता लगाने, जहां वे 4 दिनों तक रुके थे, और हमले के पीछे के वित्तीय लेनदेन और फंडिंग को जानने के लिए उसकी जरूरत है.”
स्मोक स्टिक को छिपाने के लिए जूतों की सोल का सहारा लिया गया. बताया जा रहा कि लखनऊ में एक मोची ने पीले धुएँ की स्टिक को रखने के लिए दो जोड़ी जूतों के तलवों में 2.5 इंच गहरी जगह बनाई. मामले की एफआईआर में भी जूतों का जिक्र किया गया है. दाहिने पैरे के जूते का अंदरूनी तलवा भी आंशिक रूप से कटा पाया गया. इस खोखली जगह को सहरा देने के लिए नीचे अतिरिक्त रबर सोल लगाया गया. सोल की मोटाई भी बढ़ी हुई मिली.
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