बिलासपुर,05जून 2025(वेदांत समाचार)। बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक बन रही चौथी रेल लाइन परियोजना से जुड़ी एक अहम जानकारी रेलवे की ओर से दी गई है। इस 206 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट के तहत कोतरलिया से जमगा के बीच 7.8 किलोमीटर वाले सेक्शन में यातायात शुरू करने की रेल संरक्षा आयुक्त ने मंजूरी दे दी है। करीब 2100 करोड़ रुपये की लागत के इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने इसे एक बड़ा पड़ाव माना है, जिससे रेल संचालन और तेज़, सुरक्षित और समय के पाबंद बन पाएगा। इस लाइन पर ट्रेनों को चलाने से पहले कोतरलिया स्टेशन यार्ड में ज़रूरी बदलाव किए गए। 21 से 24 अप्रैल तक ट्रैफिक और पावर ब्लॉक लेकर यहां का यार्ड पूरी तरह मॉडिफाई किया गया, जिससे अब ट्रेन संचालन में तकनीकी सुविधाएं और बेहतर हो गई हैं।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में इस समय कई बड़े काम एक साथ चल रहे हैं—नई रेल लाइन बिछाने से लेकर दोहरीकरण, तीसरी और चौथी लाइन तक। मकसद है रेलवे नेटवर्क को और मजबूत बनाना, यात्रियों को बेहतर सुविधा देना और ट्रेनों का संचालन ज्यादा भरोसेमंद बनाना। चौथी लाइन से ट्रेनों की समय पर आवाजाही और तेज रफ्तार संभव होगी, जिससे यात्री पहले से बेहतर सेवा का अनुभव करेंगे। ट्रेनों का संचालन बिना रुकावट के हो सकेगा, जिससे सफर का समय घटेगा और रेलों की आवाजाही में तेजी आएगी।
कोतरलिया यार्ड में किए गए बदलावों से ट्रेनों की स्पीड और समयपालन में सुधार होगा और लाइन की क्षमता भी बढ़ेगी। रेलवे ने कहा है कि इस क्षेत्र के लोगों को अब ज्यादा सुविधाजनक और भरोसेमंद रेल सेवाएं मिलेंगी। व्यापार, उद्योग और परिवहन क्षेत्र में नई संभावनाएं भी खुलेंगी। आस-पास के इलाकों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यहां की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।