अब इन बैंकों पर पड़ेगा 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बोझ, जाने क्या हैं वजह…

डेस्क । इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन (आईबीए) और श्रमिक संघों के बीच वेतन में 17 फीसदी बढ़ोतरी पर सहमति बनी. यह समझौता 1 नवंबर 2022 से प्रभावी माना जाएगा और पांच साल तक लागू रहेगा.

इसके मुताबिक, वेतन बढ़ोतरी से एसबीआई समेत सभी सरकारी बैंकों पर 12,449 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. वेतन वृद्धि 17 फीसदी होगी समझौते के मुताबिक, सभी सरकारी बैंकों में 17 फीसदी की सैलरी बढ़ोतरी होगी. इस पर 12,449 करोड़ रुपये खर्च होंगे. नए समझौते से करीब 9 लाख कर्मचारियों और 3.8 लाख अधिकारियों को फायदा होगा. 7 दिसंबर को आईबीए और कर्मचारी यूनियनों के बीच बातचीत हुई. वेतन वृद्धि को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये गये. नई वेतन वृद्धि की प्रक्रिया 6 महीने में पूरी हो जाएगी.

ये हैं इस समझौते के मुख्य मुद्दे


एमओयू के मुताबिक नई वेतन वृद्धि 1 नवंबर 2022 से लागू होगी. यह अगले 5 साल तक प्रभावी रहेगी. नए वेतनमान के लिए डीए को मूल वेतन में मिला दिया जाएगा. यह नियम 31 अक्टूबर 2022 से लागू माना जाएगा. साथ ही 3 फीसदी चार्ज भी लगेगा जिससे 1,795 करोड़ रुपये खर्च होंगे. प्रबंधकों और कर्मचारियों के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए अलग-अलग नियम होंगे। हालाँकि, प्रस्तावित पेंशन वृद्धि पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। हालाँकि, उन्हें एकमुश्त भुगतान करने पर सहमति हुई।

शनिवार की सभी छुट्टियों पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है


आईबीए ने सरकार से मांग की कि हर शनिवार को सार्वजनिक अवकाश रखा जाए. फिलहाल दूसरे और चौथे शनिवार की छुट्टियां हैं। वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने संसद में इसकी पुष्टि की. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि सरकार इस पर विचार कर रही है या नहीं. एमओयू में इसका जिक्र तक नहीं किया गया. पांच दिवसीय सप्ताह पर फैसला बाद में हो सकता है। दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ा दिया है, जबकि बैंक कर्मचारी पिछले साल से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे.

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