वाराणसी। हरित कोयला परियोजना के तहत रमना में देश के पहले वेस्ट टू-चारकोल प्लांट का निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है। इसका सफल परीक्षण भी किया जा चुका है। हालांकि प्लांट में बिजली की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है।
वहीं, प्रधानमंत्री वेस्ट टू-चारकोल प्लांट का भी लोकार्पण कर सकते हैं। बहरहाल नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने मंगलवार को प्लांट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर से यथाशीघ्र विद्युत कनेक्शन लेने का निर्देश दिया है।
20 एकड़ में है वेस्ट टू-चारकोल प्लांट
नगर निगम कूड़े का बेहतर प्रबंधन करने में जुटा हुआ है। इस क्रम में 16 एकड़ में करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से वेस्ट टू-चारकोल प्लांट का निर्माण अंतिम चरण में है। इसकी क्षमता प्रतिदिन करीब 600 टन सालिड वेस्ट से 200 टन कोयला उत्पादन है। इस प्रोजेक्ट में कुल तीन यूनिट लगाई गई है। इसमें एक यूनिट स्टैंडबाई में रहेगा। यह अत्याधुनिक प्लांट प्रदूषण व दुर्गंध फैलाए बिना कोयला बनाएगा।
प्लांट से बनने वाली कोयला एनटीपीसी अपने प्लांट में प्रयोग करेंगी। मकान के मलबे से इंटरलाकिंग ईंट के ब्लाक नगर आयुक्त ने रमना स्थित सीएंडडी प्लांट का भी निरीक्षण किया। इस प्लांट की क्षमता 200 मीट्रिक टन की है। इस प्लांट में मकान के मलबे से इंटरलाकिंग ईंट के ब्लाक व टाइल्स का सफल प्रयोग चल रहा है।
नगर आयुक्त ने दिसंबर तक प्लांट को शुरू कराने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह भी उपस्थित थे। कूड़े से बन रहा खाद्य करसड़ा स्थित वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट से खाद्य बनाने का कार्य जारी है। इस प्लांट संचालन एनटीपीसी कर रही है। एनटीपीसी कानपुर के फर्टिलाइजर कंपनी को खाद्य बेच रही है।
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