Vedant Samachar

अमेरिका को शांति और स्थिरता बनाए रखने में क्षेत्रीय देशों के प्रयास का सम्मान करना होगा

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मुंबई,01जून 2025 : अमेरिकी प्रतिरक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने 31 मई को शांगरी-ला वार्ता में चीन से खतरे के बयान का प्रचार किया और थाईवान व दक्षिण चीन सागर आदि मुद्दों पर नकारात्मक बात की। इसकी चर्चा में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हेगसेथ ने क्षेत्रीय देशों की शांति बनाए रखने और विकास करने की आवाज की अनदेखी कर शीतयुद्ध की विचारधारा फैलाई और चीन पर कालिख पोती, जो उत्तेजना से भरा है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है और अमेरिका के सामने गंभीरता से मामला उठाया।

प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में अमेरिका दुनिया में सच्चा प्रभुत्वावादी देश है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की शांति व स्थिरता को नुकसान पहुंचाने वाला सबसे बड़ा कारक है। अमेरिका अपने प्रभुत्वावाद की रक्षा के लिए तथाकथित हिंद-प्रशांत रणनीति बढ़ाता है और दक्षिण चीन सागर में आक्रामक हथियार तैनात करता है। इससे क्षेत्र के देशों में गहरी चिंता पैदा हुई।

प्रवक्ता ने आगे कहा कि थाईवान मामला चीन का अंदरूनी मामला है। अन्य देशों का इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। अमेरिका को थाईवान मुद्दे को चीन रोकने का पलड़ा नहीं बनाना चाहिए। चीन अमेरिका से एक चीन की नीति और तीनों संयुक्त विज्ञपतियों का पालन कर थाईवान की स्वाधीनता की पक्षधर का समर्थन बंद करने का आग्रह करता है। दक्षिण चीन सागर में नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता में कोई समस्या नहीं है। चीन हमेशा संबंधित देशों के साथ वार्ता के जरिए मतभेद का उचित समाधान करता है और कानून के अनुसार प्रभुसत्ता व समुद्री अधिकारों की रक्षा करता है। अमेरिका को शांति और स्थिरता बनाए रखने में क्षेत्रीय देशों के प्रयास का सम्मान करना होगा।

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