बिहार से एक बहुत ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर हर कोई चकित है. यह खबर है एक मां की जिसने पुत्र वियोग में हैरान करने वाला कदम उठा लिया. बिहार के मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र में एक मां अपने पुत्र का वियोग नहीं सहन कर सकी और उसकी जलती चिता में छलांग लगा दी.
हालांकि ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे बचा लिया, लेकिन वह बुरी तरह झुलस गई. मामला सुखासन पंचायत स्थित शिवदयालपुर का है. यहां सोमवार की रात सिकेन्द्र यादव के पुत्र करण ने किसी कारणवश गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
बेटे की मौत बर्दाश्त ना कर सकी मां
मंगलवार को सुबह इस घटना से कोहराम मच गया. दोपहर बाद शव का दाह संस्कार कर सभी लोग वापस लौट आए. अभी शव पूरी तरह जल भी नहीं पाया था कि करण की मां किसी तरह घर से निकलकर श्मशान घाट पहुंच गई. इस बीच, हालांकि गांव के कुछ लोगों ने उसे देख लिया और वे भी उसके पीछे चल दिए. महिला ने घाट पर अपने बेटे की जलती चिता को देखा और चिता में ही छलांग लगा दी.
ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे काफी मशक्कत से चिता से खींच कर निकाला. इसके बाद आनन-फानन में उसे लेकर अस्पताल गए, जहां उसका इलाज चल रहा है.चिकित्सकों का कहना है कि महिला 60 प्रतिशत से अधिक जल गई है, स्थिति गंभीर है. पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है. इससे पहले अप्रैल की महीने में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से भी इससे जुड़ी खबर सामने आई थी. दंतेवाड़ा जिले के कसोली गांव में शहीद जवान अमर रहे के नारों के बीच मारकम के परिवार के सदस्य और ग्रामीण आदिवासी कर्मकांड में व्यस्त थे. इसी बीच उसकी पत्नी चिता पर लेट गई थी. चिता से थोड़ी ही दूरी पर मारकम के परिवार के सदस्य उसके पार्थिव शरीर को घेरे खड़े थे जबकि उसकी पत्नी चिता पर लेटी रही. जब लोगों ने उससे चिता से उतरने के लिए कहा तो उसने कहा कि वह अपने पति के शरीर को धुआं होते नहीं देख सकती. उसके विरोध के बावजूद गांव वालों ने किसी तरह उसे चिता से उतरने के लिए मना लिया. इसके बाद मारकम का अंतिम संस्कार किया गया था.
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