उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 12 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। तड़के 4 बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान को केसर, चंदन का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराएंगे।
पश्चात सोने, चांदी के आभूषण से विशेष श्रृंगार किया जाएगा। भगवान को अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। सुबह 7.30 बजे बालभोग आरती में भी भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा।
दीप पर्व का आरंभ 10 नवंबर को
प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया महाकाल में दीप पर्व का आरंभ 10 अक्टूबर को धनत्रयोदशी से होगा। इस दिन मंदिर के पुरोहित परिवार द्वारा सुबह भगवान का अभिषेक पूजन किया जाएगा। देश में सुख समृद्धि की कामना से चांदी का सिक्का रखकर पूजा अर्चना की जाएगी।
चिकित्सालय में भगवान धन्वंतरि की पूजा होगी
मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित चिकित्सालय में भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की जाएगी। 12 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। मंदिर की पूजन परंपरा में इस दिन से अधिक सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए भगवान महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने का क्रम शुरू होता है, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक चलता है।
चंदन का उबटन लगाकर भगवान का गर्म जल से स्नान
भस्म आरती में पुजारी केसर, चंदन का उबटन लगाकर भगवान को गर्म जल से स्नान कराएंगे। सोने चांदी के आभूषण से आकर्षक श्रृंगार कर नए वस्त्र धारण कराए जाएंगे। पश्चात अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। शाम को दीपोत्सव अंतर्गत समृद्धि के दीप जलाए जाएंगे।
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