8th Pay Commission : केंद्र सरकार ने अपने कर्मियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। अब महंगाई भत्ता यानी ‘डीए’ की दर 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 फीसदी हो गई है। पिछले कई वर्षों से केंद्रीय कर्मियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी होती रही है। अगले साल जनवरी में भी डीए की दरों में चार से पांच फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो कर्मियों की सेलरी रिवाइज होगी। कई तरह के भत्तों में भी 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाएगी।
केंद्र सरकार को आठवें वेतन आयोग का गठन करना होगा। उस स्थिति में केंद्र सरकार के कर्मियों को बंपर खुशखबरी का अहसास होगा। सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में ‘पे’ रिवाइज हर दस साल में ही हो, यह जरुरी नहीं है। इस अवधि का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यह पीरियोडिकल भी हो सकता है। हालांकि वेतन आयोग ने इसकी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी है कि कब और कितने समय बाद वेतन आयोग गठित होना चाहिए।
डीए 50 प्रतिशत होने का मिलेगा ये फायदा
केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को पहली जुलाई से 4 फीसदी डीए वृद्धि की सौगात मिली है। राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड की बैठक में ‘ओपीएस’ का मुद्दा रखने वाले अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार का कहना है कि अब कर्मियों के डीए की दर 46 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
इसके बाद जनवरी 2024 में महंगाई भत्ते में जब चार या पांच फीसदी की बढ़ोतरी होगी तो वह आंकड़ा 50 प्रतिशत या उसके पार हो जाएगा। तब केंद्र सरकार के समक्ष, दमदार तरीके से 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रस्ताव रखा जाएगा। बता दें कि जनवरी 2023 में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्लू) 132.8 था। फरवरी में 132.7 रहा। मार्च में 133.3 हो गया। अप्रैल में 134.2 पर पहुंच गया। मई में 134.7 रहा। जून में छलांग लगाकर सीपीआई-आईडब्लू 136.4 पर पहुंच गया। जनवरी से केंद्रीय कर्मियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। जनवरी में डीए की दर 42 फीसदी और जुलाई में 46 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
केंद्रीय कर्मियों को उम्मीद, डीए 51 प्रतिशत तक पहुंचेगा
अब केंद्रीय कर्मियों को उम्मीद है कि अगले साल जनवरी में उनके डीए की दर 51 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। जनवरी 2024 में सरकार इसे पांच फीसदी तक बढ़ा सकती है। अगर ऐसा होता है तो कर्मियों की सेलरी एवं भत्ते रिवाइज हो जाएंगे। जुलाई 2023 में सीपीआई-आईडब्लू 139.7 पर रहा था। अगस्त में वह 139.2 अंकों पर संकलित हुआ। सितंबर, अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर में सीपीआई-आईडब्लू 140.2 रह सकता है। ऐसे में उन्हें जनवरी 2024 में पांच फीसदी डीए मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो सरकार को आठवां पे कमीशन गठित करना होगा। सातवाँ वेतन आयोग 2013 में गठित हुआ था, कि इसकी सिफ़ारिशें 2016 में लागू हुई थी।
अगस्त में 139.2 पर रहा सीपीआई-आईडब्लू
श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर 16 महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है। यह संकलन, आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी होता है। अगस्त 2023 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्लू) 0.5 अंक घटकर 139.2 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.36 प्रतिशत की कमी रही। एक वर्ष पूर्व इन्हीं दो महीनों के बीच 0.23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
देश में प्रति व्यक्ति आय 111 प्रतिशत बढ़ी
संसद में इस मुद्दे पर जो सवाल जवाब हुए हैं, उनमें कहा गया है कि जनवरी 2016 से जनवरी 2023 के बीच में कर्मियों के वेतन और पेंशन में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस अवधि के दौरान देश में प्रति व्यक्ति आय 111 प्रतिशत बढ़ी है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में बताया था कि मुद्रा स्फीति के कारण वेतन और पेंशन के असली मूल्य में जो कटौती होती है, उसे पूरा करने के लिए डीए/डीआर दिया जाता है। अब डीए 42 प्रतिशत हो गया है। प्रति व्यक्ति आय तीन गुणा हो गई। इसके साथ वस्तुओं के दाम भी उसी अनुरुप में बढ़े हैं। मतलब, केंद्र सरकार के कर्मी कम वेतन पर काम कर रहे हैं। पिछले तीन वेतन आयोगों की तरफ से कहा गया है कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाए तो मुद्रा स्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए भविष्य में पे रिवाइज किया जाए। जनवरी 2024 में डीए 50 के पार हो जाएगा। संसद में वित्त राज्यमंत्री का कहना था कि सरकार के समक्ष, आठवां वेतन आयोग गठित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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