“डांडिया महोत्सव” आयोजन हेतु महिलायें कर रही भरसक प्रयास-

आधूनिकता के इस दौर में महिलायें पुरुषों के साथ कदम मिलाकर चल रही हैं । “हम बदलेंगे, युग बदलेगा ” इस जोश के साथ मातृशक्तियाँ काम कर रही हैं। इसी कड़ी में बाल्को क्षेत्र के वार्ड 39 की मातृशक्तियाँ महिला सशक्तिकरण के लिये निकल पड़ी हैं। हिन्दुओं को अपने संस्कृति, सभ्यता के प्रति आस्था रखने हेतु कार्य कर रही हैं। धर्मांतरण रोकने के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि मातृशक्तियाँ घर घर अलख जगा रही हैं। हिन्दू धर्म में जितने भी पर्व हैं, सबमें संगठित होकर सबको एकता के सूत्र में पिरोकर पर्वों को मना रही हैं।


फिलहाल गणेशोत्सव के उपरांत मातृशक्तियाँ डांडिया महोत्सव की तैयारियाँ में जुटी हैं। प्रशासन के नियमानुसार काम करते हुये भव्य महोत्सव की तैयारियाँ कर रही हैं। समिति की अध्यक्ष लालिमा जायसवाल का कहना है कि यदि मातृशक्तियाँ हिन्दू संसकृति को बचा लेती हैं, तो पूरा देश बच जायेगा। भारत संस्कृति का देश है। और इसे मातायें ही बचा सकती हैं। इसीलिये तो देश के नाम को ” भारतमाता ” का संबोधन दिये गये हैं।

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