उद्दीप सोशल वेलफेयर सोसाइटी संस्थापक को प्रतिष्ठित 23वें केविनकेयर एबिलिटी अवार्ड्स 2025 में सम्मानित किया

  • पूनम श्रोती को देश भर के पांच अन्य बेमिसाल विकलांगो के साथ सम्मानित किया गया

भोपाल, 24 फरवरी 2025: भोपाल को गौरव प्रदान करते हुए, उद्दीप सोशल वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक और विकलांगता अधिकारों की वकालत करने वाली पूनम श्रोती को कैविनकेयर एबिलिटी अवार्ड्स के 23वें संस्करण में सम्मानित किया गया। कैविनकेयर और देश के प्रमुख एनजीओ में से एक, एबिलिटी फाउंडेशन के सहयोग द्वारा इस अवार्ड को चेन्नई में आयोजित किया गया | पूनम को सामाजिक नियमो को चुनौती देने वाले चेंजमेकर्स के रूप में उनके निरंतर प्रयास के लिए देश भर के पांच अन्य विकलांग विजेताओं के साथ केविनकेयर एबिलिटी अवार्ड फॉर एमिनेंस के तहत मान्यता दी गई।

पूनम श्रोती का जन्म ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा के साथ हुआ था, एक ऐसी स्थिति जिसके कारण हड्डियाँ नाजुक हो जाती हैं। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, पूनम ने अपनी शिक्षा पूरी करके और कॉर्पोरेट जगत में सफलता हासिल करके सामाजिक अपेक्षाओं को चुनौती दी। उन्होंने विशेष रूप से भारत के टियर-टू शहरों में विकलांग व्यक्तियों को शिक्षा, रोजगार और वकालत के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए उददीप सोशल वेलफेयर सोसाइटी की स्थापना की। उद्दीप की पहल ने समावेशन, गरिमा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हुए सैकड़ों लोगों को प्रभावित किया है।

इस भव्य कार्यक्रम में श्री ए.आर. रहमान, डॉ. विनोद सुराणा और डॉ. मारियाज़ीना जॉनसन जैसे कई गणमान्य व्यक्ति शामिल थे जिन्‍होंने इस महान उद्देश्‍य के प्रति अपना समर्थन जताया। शाम को प्रतिष्ठित कलैममणि गोपिका वर्मा और उनकी मंडली द्वारा एक मनोरम मोहिनीअट्टम प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया गया, जिसने कार्यक्रम की समावेशिता और सांस्कृतिक प्रशंसा की भावना को और समृद्ध किया।

केविनकेयर ने देश के प्रमुख एनजीओ में से एक एबिलिटी फाउंडेशन के साथ मिलकर देशभर के छह सफल विकलांगों को सम्‍मानित किया है। शहर में आज केविनकेयर एबिलिटी अवार्ड्स के 23वें संस्‍करण का आयोजन किया गया था। सामाजिक नियमों को चुनौती देने वाले चेंजमेकर्स के तौर पर इन लोगों की अटूट लगन को सराहते हुए, आयोजन में कई दिग्‍गजों ने शिरकत की। इनमें श्री ए. आर. रहमान, डॉ. विनोद सुराना और डॉ. मारियाज़ीना जॉनसन शामिल थे, जिन्‍होंने इस महान उद्देश्‍य के प्रति अपना समर्थन जताया। आयोजन की शाम को मशहूर कलाईममानी गोपिका वर्मा और उनके ट्रूप ने मोहिनीयट्टम की दिलचस्‍प प्रस्‍तुति से समा बांध दिया। इस प्रकार समावेशन एवं सांस्‍कृतिक सराहना के‍ लिये आयोजन में उत्‍साह बढ़ गया।

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए, केविनकेयर प्रा. लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री सी. के. रंगनाथन ने कहा, ‘’मैं उन विकलांगों की बेहतरीन उपलब्धियों का जश्‍न मनाते हुए बहुत खुश हूँ, जिन्‍होंने सीमाओं को चुनौती दी है और उत्‍कृष्‍टता के नये मापदण्‍ड तय किये हैं। केविनकेयर एबिलिटी अवार्ड्स उनकी दृढ़ता, प्रतिभा और अदम्‍य उत्‍साह का प्रमाण है। केविनकेयर में हमें इन असाधारण रूप से सफल लोगों को पहचान तथा सम्‍मान देने पर बड़ा गर्व है। इनकी प्रेरक कहानियाँ हम सभी को समावेशिता अपनाने तथा सामाजिक धारणाओं को चुनौती देने के लिये प्रोत्‍साहित करती हैं। इस पहल के माध्‍यम से हमारा लक्ष्‍य है एक अधिक सशक्‍त एवं समावेशी समाज को बढ़ावा देना, जहाँ हर व्‍यक्ति बड़े सपने देखने और क्षमताओं के परे जाकर सफल होने के लिये प्रेरित हो।‘’

सम्‍मान पाने वालों को बधाई देते हुए, एबिलिटी फाउंडेशन की संस्‍थापक एवं मानद कार्यकारी निदेशक सुश्री जयश्री रवीन्‍द्रन ने कहा, ‘’आज हम उल्‍लेखनीय उपलब्धियों को सराहने के लिये एकजुट हुए हैं। लेकिन हम केवल व्‍यक्तिगत सफलताओं को नहीं सराह रहे हैं, बल्कि विविधता वाली एक कम्‍युनिटी की जोरदार आवाजों को ज्‍यादा मुखर बना रहे हैं। इन पुरस्‍कारों के माध्‍यम से भारत के लाखों विकलांगजन बोल रहे हैं। उनकी आवाज तेज और स्‍पष्‍ट है, जो कहती है कि उन पर ध्‍यान दिया जाना चाहिये, उन्‍हें अपनाया जाना चाहिये और वे जैसे हैं, उन्‍हें वैसे ही पसंद किया जाना चाहिये। यहाँ मौजूद हर विजेता ऐसे कई अन्‍य लोगों की दृढ़ता का प्रतीक है, जो अब भी समाज के द्वारा पैदा की गई बाधाओं को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। और जब वे बाधाएं टूटें, तब जरूरी है कि समाज उनकी व्‍यापक क्षमता को पहचाने और ऐसे माहौल को बढ़ावा दे, जहाँ उनके योगदानों का इंतजार हो।‘’

इस साल के पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वालों का चयन जजों के एक सक्षम पैनल ने बड़ी ही सावधानी से किया। इनमें गीतकार एवं स्‍क्रीनराइटर श्री मधान कार्की, एम. एस. स्‍वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुश्री सौम्‍या स्‍वामीनाथन, मद्रास उच्‍च न्‍यायालय की भूतपूर्व न्‍यायाधीश, न्‍यायमूर्ति (सेवानिवृत्‍त) प्रभा श्रीदेवन, क्रेया यूनिवर्सिटी के को-फाउंडर एवं आईएफएमआर के प्रेसिडेंट श्री कपिल विश्‍वनाथन और चार्टर्ड अकाउंटेन्‍ट श्री एस. सेथुरमन शामिल थे।

केविनकेयर एबिलिटी अवार्ड्स की स्‍थापना 2003 में हुई थी और यह पुरस्‍कार सफल विकलांगोकी सेवाओं तथा उपलब्धियों को सराहते आ रहे हैं। इस प्रतिष्ठित राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार की तीन श्रेणियाँ हैं: द केविनकेयर एबिलिटी अवार्ड फॉर एमिनेन्‍स, द केविनकेयर एबिलिटी मास्‍टरी अवार्ड्स और द केविनकेयर एबिलिटी स्‍पेशल रिकॉग्निशन अवार्ड।

केविनकेयर एबिलिटी अवार्ड्स 2025 प्राप्‍त करने वालों के नाम एवं विवरण इस प्रकार है:

  1. केविनकेयर एबिलिटी स्‍पेशल रिकॉग्निशन अवार्ड:
    सारा सन्‍नी, बेंगलुरु, कर्नाटक
    सारा सन्‍नी सर्वोच्‍च न्‍यायालय में वाद के लिये गईं भारत की पहली बधिर वकील हैं। यह समावेशी कानूनी प्रणाली की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था। इस प्रणाली में कानूनी शब्‍दावली में प्रशिक्षित सांकेतिक भाषा के व्‍याख्‍याकारों की कमी जैसी बाधाओं के बावजूद सारा टिकी रहीं और उन्‍होंने न्‍याय-व्‍यवस्‍था को सुलभ बनाने की हिमायत की। सारा बेंगलुरु में पली-बढ़ी हैं और उन्‍होंने सैंट जोसेफ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की है। एक वकील के तौर पर उनका नामांकन 2021 में हुआ था। उनकी सफलता रूढि़यों को चुनौती देती है और विधि के कार्यक्षेत्र में बधिर पेशेवरों का प्रतिनिधित्‍व बढ़ाने के लिये रास्‍ता खोलती है।
  2. केविनकेयर एबिलिटी मास्‍टरी अवार्ड्स:

मोहम्‍मद शम्‍स आलम शेख, गांधीनगर, गुजरात
मोहम्‍मद शम्‍स आलम शेख भारत के मशहूर पैरा स्विमर हैं और विकलांगोके अधिकारों की हिमायत करते हैं। शरीर में ट्यूमर के कारण पैराप्‍लेगिया होने के बाद शम्‍स ने खेलों की ओर रूख किया और शानदार सफलता पाई। उनके पास पैराप्‍लेजिक का लॉन्‍गेस्‍ट ओपन सी स्विम के लिये विश्‍व रिकार्ड है और वह 31 राष्‍ट्रीय पदक जीत चुके हैं। उन्‍होंने 2018 एशियन पैरा गैम्‍स में भी भाग लिया था। शम्‍स ने एमबीए किया है और विकलांगोकी गतिशीलता में सुधार के लिये एक्टिव व्‍हीलचेयर प्रोजेक्‍ट जैसी पहलें की हैं। शम्‍स को प्रेसिडेंट्स बेस्‍ट स्‍पोर्ट्सपर्सन विथ डिसैबिलिटी अवार्ड जैसे अनेकों पुरस्‍कार मिल चुके हैं और वह खेलों में अधिक सुलभता एवं समावेश के लिये अपनी सोच से लगातार प्रेरित कर रहे हैं। जनवरी 2025 में हुए रेकजाविक इंटरनेशनल गेम्‍स में उन्‍होंने छह पदक जीतकर अपनी विरासत में चार चांद लगा दिये- एक स्‍वर्ण, तीन रजत और दो कांस्‍य। इसमें उन्‍होंने 200 मीटर ब्रेस्‍टस्‍ट्रोक में एक नया राष्‍ट्रीय एवं एशियाई रिकॉर्ड बनाया था।

मिरांडा टॉमकिंसन, चेन्‍नई, तमिलनाडु
मिरांडा टॉमकिंसन एनआईईपीएमडी के डिपार्टमेंट ऑफ स्‍पेशल एज्‍युकेशन में लेक्‍चरर हैं। वह कई तरह की अक्षमताओं के लिये विशेष शिक्षा और बधिरांध पर जोर देते हैं। स्‍पेशल एज्‍युकेशन में मेजर पूरा करने वाले भारत के पहले बधिरांध व्‍यक्ति के रूप में मिरांडा के पास तीन पोस्‍टग्रेजुएट डिग्रीयाँ हैं और उन्‍होंने सोशियोलॉजी एवं एज्‍युकेशन में यूजीसी एनईटी परीक्षाएं उत्‍तीर्ण की हैं। वह पढ़ाने की अभिनव विधियों और शोध में योगदान के लिये जाने जाते हैं। इनमें नूआंस ड्रैगन जैसी सहयोगी टेक्‍नोलॉजी पर उनका काम भी शामिल है। अपने ब्‍लॉग, यूट्यूब चैनल और आगामी किताब के माध्‍यम से मिरांडा बधिरांध एवं बहुअक्षमताओं वाले व्‍यक्तियों के लिये अधिक समावेशन तथा जागरूकता की हिमायत कर रहे हैं।

अरशद पंडित, श्रीनगर, जम्‍मू एवं कश्‍मीर
अरशद पंडित शेर-ए-कश्‍मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एसकेआईएमएस) में असोसिएट प्रोफेसर और मेडिकल जीनेटिक्‍स तथा कैंसर डायग्‍नोस्टिक्‍स के अग्रणी शोधकर्ता हैं। 1995 में अरशद का जीवन नाटकीय तरीके से बदला था, जब आतंकवादियों ने उन्‍हें गोली मारी और फिर वह पैराप्‍लेजिक हो गये। तीव्र शारीरिक एवं भावनात्‍मक चुनौतियों के बावजूद उन्‍होंने इम्‍युनोलॉजी में मास्‍टर्स डिग्री और पीएच.डी. की। उन्‍होंने शोध के लिये फंड जुटाते हुए 12 करोड़ से अधिक रूपये एकत्र किये और आत्‍मनिर्भरता के लिये हाथों से संचालित एक ड्राइ‍विंग सिस्‍टम विकसित किया। आज अरशद विकलांगोको मेंटर करते हैं, और गतिशीलता, आत्‍मनिर्भरता तथा समाज में उनके समावेश को बढ़ावा देते हैं।

जिलुमोल मैरियेट थॉमस, थोडुपुझा, केरल
जिलुमोल मैरियेट थॉमस को थैलिडोमाइड सिन्‍ड्रोम के कारण बिना हाथों के जन्‍म लेना पड़ा था। वह एक स्‍व-रोजगारी ग्राफिक डिजाइनर और माउथ एण्‍ड फुट पेंटिंग आर्टिस्‍ट्स असोसिएशन की सदस्‍य हैं। वह टाइपिंग, स्‍केचिंग और डिजिटल आर्टवर्क बनाने जैसे कामों के लिये अपने पैर का इस्‍तेमाल करती हैं। जिलुमोल के पास 2021 बेस्‍ट पेंटर ऑफ द ईयर अवार्ड है और वह एक कुशल फुट पेंटर हैं, जिनका काम प्रदर्शनियों में दिखाया गया है। 2023 में वह एशिया की बिना हाथों वाली पहली महिला बनीं, जिन्‍हें फोर-व्‍हीलर का लाइसेंस मिला। जिलुमोल ने मलयालम सिनेमा के लिये डबिंग भी की है और वह एक मोटिवेशनल स्‍पीकर हैं।