मुंबई,25मई 2025 : भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए डिविडेंट जारी कर दिया है. जो कि अब तक की सबसे बड़ी रकम है. रेगुलेटरी बैंक ने सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये अपने कमाई में से दिए हैं. इसका असर आपकी और हमारी जेब पर भी पड़ेगा. इससे बैंक की ईएमआई कम हो सकती है. बैंक ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं. आइए आपको डिटेल में इसके फायदे के बारे में समझाते हैं. साथ ही यह जानते हैं कि आरबीआई की कमाई और डिविडेंड देने का तरीका क्या है.
भारतीय रिजर्व बैंक सरकार का बैंक है. इसका काम देश की सेहत का ध्यान रखना है. यहां देश की सेहत का मतलब सीधे तौर पर इकोनॉमी से है. जब-जब इकोनॉमी में थोड़ी अस्थिरता आती है. रुपया कमजोर होने लगता है, तो रिजर्व बैंक सरकार की मदद के लिए आता है. रिजर्व बैंक पैसे डॉलर की खरीद और बेच से लेकर, नोटों की छपाई से बनाता है. इसके आलावा आरबीआई विदेशी बॉन्डों में निवेश करके भी पैसा कमाता है.
आपको होंगे ये फायदे
आरबीआई की ओर से केंद्र सरकार को डिविडेंड देने से उसका घाटा कम होगा. इसकी वजह से बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है. उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अगले महीने भी रेट कट करेगा. इससे EMI कम होने की संभावना है. साथ ही इससे सरकार को रक्षा के मोर्चे पर बड़ी राहत मिल सकती है. क्योंकि उम्मीद जताई जा रही थी कि भारत पाक तनाव के चलते देश को रक्षा बजट में बढ़ोतरी करनी है. इसके लिए उसके घाटे के बढ़ने की आशंका थी. हांलांकि, RBI की ओर से मिले पैसों के कारण सरकार को इस सेक्टर से राहत मिलेगी.
आरबीआई इस हिसाब से देता है पैसा
आरबीआई अपनी कमाई नोटों की छपाई, बॉन्ड बाजार में निवेश करने और डॉलर की खरीद बिक्री करके करता है. लेकिन वह अपनी कमाई से कितना हिस्सा सरकार को देगा. यानी हर साल डिविडेंट कितना सरकार के खाते में जाएगा. इसको लेकर नियम हैं. पहले आरबीआई 5.5% से 6.6% अपनी कमाई में से इमरजेंसी फंड के तौर पर रखता था. लेकिन साल 2018 में वह आरबीआई के पूर्व गर्वनर बिमल जालान की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई, जिसमें तय हुआ कि अब बैंक अपनी कमाई का 4.5% से 7.5% इमरजेंसी फंड के लिए रख सकता है.