47 उच्च जोखिम गर्भावस्था मामलों की पहचान
बीजापुर,25मई 2025(वेदांत समाचार) । ‘सुरक्षित मातृत्व एक अधिकार है, सुविधा नहीं’- इस सोच को साकार करते हुए छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का सफल आयोजन किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित इस क्षेत्र में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
इस शिविर में 125 गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें से 47 महिलाओं को उच्च जोखिम गर्भावस्था (HRP) की श्रेणी में चिन्हित किया गया। इन महिलाओं को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा तत्काल परामर्श और उपचार प्रदान किया गया। साथ ही, 80 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड परीक्षण भी किया गया, जिससे जटिलताओं की शीघ्र पहचान में मदद मिली।
प्रशासनिक और चिकित्सकीय टीम का सराहनीय समर्पण
इस अभियान की सफलता में कलेक्टर संबित मिश्रा की निर्णायक भूमिका रही, जिनके नेतृत्व में प्रशासनिक समन्वय सुनिश्चित किया गया। जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार ने आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता में मदद की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. आर. पुजारी के निर्देशन और सिविल सर्जन डॉ. रत्ना ठाकुर के मार्गदर्शन में चिकित्सा दल ने व्यक्तिगत परामर्श और गुणवत्तापूर्ण देखभाल दी। वहीं, डॉ. आदित्य साहू (स्त्री रोग विशेषज्ञ) और डॉ. देवेन्द्र मोरला (रेडियोलॉजिस्ट) ने HRP मामलों के प्रबंधन और अल्ट्रासाउंड जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक वरुण साहू और DPHNO सुश्री मानसी ताटपल्ली ने स्वास्थ्य व्यवस्था की निगरानी की। जिला अस्पताल के समस्त स्टाफ के सहयोग से यह अभियान पूर्ण रूप से सफल रहा।
सरकार की प्रतिबद्धता
छत्तीसगढ़ सरकार हर महिला तक सुरक्षित मातृत्व सेवाएं पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह कितने भी दूरस्थ या संवेदनशील क्षेत्र में क्यों न हो। इस अभियान से यह स्पष्ट हुआ कि सही योजना, इच्छाशक्ति और समर्पण के साथ मातृ-शिशु मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाई जा सकती है।
बीजापुर में हुआ यह आयोजन मातृत्व स्वास्थ्य की दिशा में एक मजबूत और प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरा है।