Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे। उन्हें विष्णुगुप्त और कौटिल्य भी कहा जाता है। मौर्य साम्राज्य के विस्तार में आचार्य चाणक्य ने अहम भूमिका निभाई थी। तत्कालीन समय में चाणक्य ने अखंड भारत निर्माण में भी अहम योगदान दिया था। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। नीति शास्त्र का पालन कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफल हो सकता है। आचार्य चाणक्य की मानें तो चार प्रकार के लोग जीवन भर दुखी रहते हैं। ऐसे लोग जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाते हैं। आइए, इन 4 प्रकार के लोगों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
ऋणी पिता
आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र में कहते हैं कि ऋणी पिता अपने पुत्र का दुश्मन होता है। ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में कभी धनवान नहीं बन पाता है और हमेशा दुखी रहता है। पिता के ऋण तले वह दबा रहता है। इसके चलते पुत्र की आर्थिक स्थिति बदहाल रहती है। पुत्र को पिता के कर्ज का भुगतान करना पड़ता है।
असभ्य मां
आचार्य चाणक्य का कहना है कि बुरा आचरण करने वाली मां भी अपने पुत्र की दुश्मन होती है। उसके विचार और व्यवहार से परिवार के मान-समान पर प्रतिकूल प्रभाव असर पड़ता है। कई अवसर पर पिता और पुत्र को कलंकित भी होना पड़ता है। ऐसे लोग भी जीवन भर दुखी रहते हैं।
खूबसूरत भार्या
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि खूबसूरत पत्नी भी शत्रु के समान है। अत्यधिक खूबसूरत होने के चलते माता जानकी का हरण हुआ था। इसके लिए भगवान श्रीराम को वनवास में वियोग सहना पड़ा था। खूबसूरत पत्नी से विवाह करने वाले लोग (कई अवसर पर) जीवन भर दुखी रहते हैं।
कपूत
आचार्य चाणक्य की मानें तो नालायक बेटा यानी कपूत अपने माता-पिता के लिए शत्रु होता है। अपने कार्यों से वह स्वयं भी परेशान रहता है। उसके व्यवहार से माता-पिता भी जीवन भर दुखी रहते हैं। ऐसे लोग जीवन में कभी तरक्की नहीं कर पाते हैं।
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