जानें क्यों बढ़ रही है यह समस्या और कैसे करें अपना बचाव?
गठिया या अर्थराइटिस ज्यादातर 50 साल के ऊपर की उम्र वालों को होती है। लेकिन अब, कम उम्र वाले लोग भी इस बीमारी की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। 18-25 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों को भी यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है। गठिया के मरीजों को घुटनों, पीठ, कलाई, गर्दन के जोड़ों और एड़ियों में दर्द रहता है। गठिया के कई प्रकार हैं, लेकिन सबसे आम रूपों में ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया शामिल हैं। ऐसे में चलिए डॉक्टर से जानते हैं आखिर कम उम्र में ही लोग अर्थराइटिस क्यों बढ़ रहा है और हड्डियों को मजबूत कैसे बनाएं?
युवाओं में गठिया क्यों बढ़ रहा है?
खराब और सेडेंटरी लाइफ स्टाइल की वजह से गठिया के बढ़ते मामलों का कारण हो सकती है। कई युवा वयस्क कम से कम शारीरिक गतिविधि के साथ घंटों बैठे रहते हैं। डिजिटल उपकरणों के बढ़ते उपयोग से गर्दन, पीठ और हाथ के जोड़ों पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा, तनाव, मोटापा, लंबे समय तक स्क्रीन पर समय बिताना, नींद की कमी और अस्वास्थ्यकर आहार सूजन में योगदान करते हैं, जिससे शुरुआती गठिया का खतरा बढ़ जाता है।
बिना किसी देरी के गठिया का प्रबंधन करना समय की मांग है। याद रखें, अगर इलाज न किया जाए, तो यह पुराने दर्द, जोड़ों की तकलीफ और यहां तक कि विकलांगता का कारण बन सकता है। यह गतिशीलता को सीमित कर सकता है और जीवन की गुणवत्ता, काम और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। व्यक्ति अक्सर तनावग्रस्त, चिंतित या उदास महसूस कर सकता है क्योंकि उसके जीवन की गुणवत्ता से समझौता किया जाएगा।
जोड़ों की सुरक्षा के लिए सुझाव:
जब हमने एम्स अस्पताल में स्थित ऑर्थोपेडिक और रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. विशाल लापशिया से बात की, तो उन्होंने कहा कि किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में और डॉक्टर की अनुमति के बाद ही रोजाना व्यायाम करना आवश्यक है। टहलने और स्ट्रेचिंग जैसी गतिविधियाँ आज़माएँ। अपना वजन सही रखें, संतुलित आहार लें, सही मुद्रा बनाए रखें और अधिक परिश्रम करने या कोई भारी गतिविधि करने से बचें। युवा वयस्कों को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जोड़ों के दर्द को रोकने के लिए इन सुझावों का पालन करना चाहिए। साथ ही, अपने आप कोई हर्बल सप्लीमेंट या दवा लेने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से जोड़ों का दर्द और बढ़ सकता है।