हांगकांग, सिंगापुर, थाइलैंड और चीन के बाद भारत में कोरोना संक्रमण के मामले में बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को अपनी और बच्चों की चिंता सताने लगी है. हालांकि फिलहाल भारत में कोरोना के मामले उतने चिंताजनक नहीं है. देश में फिलहाल कोरोना संक्रमण के 257 मामले हैं. राजधानी दिल्ली में कोविड के केस मिले हैं. ऐसे में इस बात पर बहस छिड़ गई है कि क्या लोगों को कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत है. इस बारे में हमने बात की गाजियाबाद के जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता से.
देश में कोविड के बढ़ते मामलों ने अभिभावकों की चिंता जरूरत बढ़ा दी है. उन्हें चिंता अपने बच्चों की है. हालांकि देश में आई कोविड की कई वेव के दौरान भी बच्चे ज्यादा संख्या में प्रभावित नहीं हुए थे, लेकिन अभिभावकों की चिंता को दरकिनार भी नहीं किया जा सकता है. भारत के 11 राज्यों में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन केरल में सबसे ज्यादा मामले हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि यह सामान्य सर्दी जुकाम जैसा ही है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही भी न बरतें.
क्या है देश में कोरोना की स्थिति
डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता कहते हैं कि कोविड अब महामारी नहीं रहा. यह एक मौसमी वायरल की तरह ही है. यदि कोविड से होने वाली मौतों का आंकलन करें तो देश में यह महज 2 से 3 प्रतिशत ही थीं. कोविड आने के काफी समय बाद वैक्सीन आई थी. तब तक डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया था. फिलहाल देश में ऐसी कोई स्थिति नहीं है. कोविड का पूरा इलाज और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है. यदि कोविड फैलता भी है तो उसे तुरंत ही कंट्रोल किया जा सकता है.
क्या बूस्टर डोज की है जरूरत
डॉ. राकेश कुमार गुप्ता कहते हैं कि फिलहाल देश में कोविड की जो स्थिति है उसके अनुसार बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है. हालांकि यदि कोई लगवाना चाहे तो उसे रोका भी नहीं जाना चाहिए. कोविड से डरने की जरूरत नहीं है, सावधानी बरतें. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखें. यदि किसी को जुकाम, खांसी होता है तो तुरंत गरम पानी पीना और भाप लेना शुरु कर दे. यदि दो दिन में आराम न पड़े तो डॉक्टर से सलाह जरूर करें. इस बात को ध्यान में रखें कि कोविड पहले जैसे संक्रामक और गंभीर भी नहीं है.