डोनाल्ड ट्रंप ने USAID के 2,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

वाशिंगटन,24 फ़रवरी 2025 । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) के 2,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है और हजारों को छुट्टी पर भेजा है। USAID कर्मचारियों को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, 23 फरवरी, 2025 से, मिशन-महत्वपूर्ण कार्यों, मुख्य नेतृत्व और विशेष रूप से नामित कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार नामित कर्मियों को छोड़कर, सभी USAID प्रत्यक्ष नियुक्ति कर्मियों को वैश्विक स्तर पर प्रशासनिक अवकाश पर रखा जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि अधिकतर कर्मचारियों की USAID सिस्टम तक पहुंच जारी रहेगी और उन्हें आगे के मार्गदर्शन के लिए ईमेल की निगरानी जारी रखनी चाहिए।

नोटिस के मुताबिक, प्रशासनिक छुट्टी पर गए कर्मचारियों को एजेंसी का काम करने या फिर बिना अनुमति के आधिकारिक USAID फाइलें डाउनलोड करने का अधिकार नहीं है। इसे ट्रंप सरकार का USAID के खिलाफ बड़ा फैसला माना जा रहा है।

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप लगातार उन योजनाओं और कार्यक्रमों की आलोचना करते रहे हैं, जिससे अमेरिका पर आर्थिक दबाव पड़ा है। ट्रंप का मानना है कि USAID के जरिए अमेरिकी करदाताओं का पैसा बेवजह के कामों में लग रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति बनते ही USAID के तहत वित्तीय सहायता पर 90 दिन की रोक लगा दी।

DOGE प्रमुख एलन मस्क ने कहा था कि USAID ‘कट्टर वामपंथी सनकी’ चला रहे हैं, जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ट्रंप ने USAID से कर्मचारियों को निकालने का फैसला तब लिया, जब अमेरिकी संघीय जिला कोर्ट ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी। कोर्ट ने कुछ कर्मचारियों को छोड़कर बाकी सभी को उनके पदों से हटाने की सरकार की योजना पर मुहर लगा दी। USAID अमेरिका की विदेशी सहायता एजेंसी है। इसकी मदद से अमेरिका दुनियाभर के कई देशों की आर्थिक मदद करता है।

यह एजेंसी भारत समेत दुनिया के कई देशों में अरबों की मदद बांटती है। USAID के 100 से अधिक देशों में मिशन हैं और 60 से अधिक देशों में कार्यालय हैं, जिनमें 10,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। ये गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण, खाद्यान्न, शिक्षा और मानवीय सहायता से जुड़े कार्यक्रम चलाता है।